बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने ना सिर्फ बड़ा पेंच फंसा दिया है बल्कि इस बार प्रदेश में नए समीकरण बनकर उभरे हैं। इस पूरे समीकरण में सीमांचल में बड़ा चुनावी फेरबदल देखने को मिला है। दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान असदउद्दीन ओवैसी ने आरेजडी-कांग्रेस के महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा और सीमांचल की अनदेखी के आरोप जड़े थे। उधर महागठबंधन ने भी पलटवार करते हुए ओवैसी को बीजेपी की बी टीम और वोटकटवा कहा था। हालांकि, कांग्रेस ने चुनाव परिणाम के बाद माना कि सीमांचल में ओवैसी ने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि -ओवैसी ने महागठबंधन के गढ़ समझे जाने वाले सीमांचल इलाके में हमें नुकसान पहुंचाया और एनडीए की मदद करने का काम किया।
उधर बिहार चुनाव में AIMIM को उम्मीद से ज्यादा जीत हासिल हुई तो पार्टी में खुशी का माहौल होना तय था। इसे लेकर ओवैसी के हैदराबाद आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की। दरअसल बिहार चुनावों में 5 सीटों पर जीत हासिल करके ओवैसी ने ना सिर्फ चौंकाया है बल्कि सारे समीकरणों को बदलने का काम किया है। ओवैसी की पार्टी की इस जीत से बिहार में सत्ता के समीकरण भी बदल गए हैं।
वहीं अपनी जीत पर ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार की जनता के आशीर्वाद से अभिभूत है और हम बिहार के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का काम करेंगे। अब साफ है कि बिहार में सीमांचल की जनता ने साफ कर दिया है कि ओवैसी के वादों और सियासी रणनीति ने ना सिर्फ यहां की जनता पर असर डाला बल्कि इस भावना को वोट में भी तब्दील किया। जिसका असर चुनाव में दिखा और ओवैसी की पार्टी यहां सब समीकरणों को खारिज करते हुए पांच सीटें हासिल करने में कामयाब हुई है।