प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत की। पीएम मोदी ने वर्चुअली इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश निशंक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए दीक्षांत समारोह को हिस्सा बनना प्रेरक है। पीएम मोदी ने कहा कि आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म जयंती भी है, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने शिवाजी उत्सव नाम से कविता लिखी थी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि गुरुदेव टैगोर ने जो एकता का संदेश दिया, उसे कभी नहीं भूलना चाहिए।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुरुदेव टैगोर के लिए विश्वभारती सिर्फ ज्ञान देने वाली संस्था नहीं थी, ये प्रयास है जिसके जरिए भारतीय संस्कृति को शीर्ष पर पहुंचाने की भावना है। पीएम मोदी ने कहा कि उनका मानना था कि विविधताएं-विचारधाराएं रहेंगी लेकिन हमें सबको साथ लेकर चलना होगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता, देश की बेटियों के आत्मविश्वास के बिना संभव नहीं है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार जेंडर इंक्लूजन फंड की भी व्यवस्था की गई है।
विश्वविद्यालय के छात्रों को अपने संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि हम इस वर्ष अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। विश्व भारती के प्रत्येक विद्यार्थी की तरफ से देश को सबसे बड़ा उपहार होगा कि भारत की छवि को और निखारने के लिए आप ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को जागरूक करें।