आस्ट्रेलिया के दौरे पर गयी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कोई भी अच्छी खबर नहीं आ रही है।
पहले हार से शुरुआत, फिर 2-1 से ODI की हार, रोहित शर्मा का अन्फ़िट होना और अब जुझारू खिलाड़ी रविंद्र जडेजा का चोटिल होना।
इन्हीं खबरों के बीच एक नए विवाद का पैदा होना क्रिकेट प्रेमियों के लिए निश्चित ही बुरी खबर है।
क्या है मामला
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी-20 मैच में टीम इंडिया के रविंद्र जडेजा को बल्लेबाज़ी के दौरान सर पर चोट लग गयी।
मिशेल स्टार्क की बाउंसर से चोटिल जडेजा की जगह बाद में यूज़वेंद्र चहल गेंदबाज़ी की।
बाद में अपने खेल से भारत की जीत में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए चहल ने भारत को जीत दिला दी।
जाँच में गहरी चोट का पता लगने के कारन टीम के playing 11 से बाहर होना तय था। लेकिन एक ऑल राउंडर की जगह लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को खिलाने पर कुछ आपत्तियोंदर्ज की गयी। लेकिन पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय टीम प्रबंधन के फ़ैसले का समर्थन करते हुए कहा कि “concussion substitute” भारतीय टीम का जडेजा का विकल्प लेना बिल्कुल सही था। क्योंकि सिर पर चोट के लक्षण गेंद लगने के 24 घंटे बाद भी दिखाई दे सकते है।
ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ियों के विवाद के ऊपर सहवाग ने कहा जब स्टीव स्मिथ के सिर पर गेंद लगी थी तो concussion substitute नियम के तहत मार्नस लाबुशेन उनकी जगह बल्लेबाजी करने आए थे और उन्होंने रन बनाए थे इसलिए ऑस्ट्रेलिया को भी यह फायदा मिला था।इसलिए मुझे लगता है कि आस्ट्रेलिया को शिकायत नहीं करनी चाहिए।
सहवाग ने साझा किए अपने अनुभव
इतना ही नहीं सहवाग ने अपना अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ जडेजा के साथ ही नहीं मेरे साथ भी ऐसा हुआ है। जब मैं बल्लेबाजी करके ट्रायल रूम में पहुंचता था तो कई बार ऐसा हुआ कि सिर पर गेंद लगने के कारण सूजन हो जाता था। भले ही चोट लगने के कारण हम पिच पर अच्छी तरह अपना खेल खेलें, परंतु ट्रायल रूम में पहुंचने के बाद हमें एहसास होता था कि हमें काफी चोट लगी है। चोट के लक्षण 24 घंटे बाद भी देख सकते हैं। इसलिए भारतीय टीम ने नियम का सही फायदा लिया।
कुछ भी हो एक बात तो तय है, T20 सीरिज़ के अगले मैच में टीम इंडिया आत्मविश्वास से भरपूर होगी और आस्ट्रेलिया को पहले मैच के ग़लतियाँ याद आती ही रहेंगी।