सेंट्रल डेस्क प्राची जैन:- सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए आतंकी हमले के मामले में कोर्ट ने छह आरोपियों को दोषी करार दिया है और दो को बरी कर दिया है। कोर्ट इस मामले में सजा का एलान आज करेगी।
सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकी हमला हुआ था। हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे और एक रिक्शा चालक की मौत हो गई थी। इस हमले में सिविल लाइंस कोतवाली के दरोगा, सिपाही और होमगार्ड समेत छह लोग घायल हुए थे।
हमले के 40 दिन बाद एटीएस और पुलिस ने रामपुर और लखनऊ से संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद सीआरपीएफ कांड को अंजाम देने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई थी।
ये सभी आरोपी लखनऊ और बरेली की सेंट्रल जेल में तब से बंद हैं जिन्हें समय- समय पर अदालत में पेशी पर लाया जाता रहा। इस मामले में एडीजे तृतीय कोर्ट में 19 अक्तूबर को बहस पूरी हो गई थी।
कोर्ट ने फैसले के एक नवंबर की तारीख मुकर्रर की थी। फैसले को लेकर कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया।
कोर्ट ने सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला करने के आरोप में पाक अधिकृत कश्मीर निवासी मोहम्मद फारूख, मधुबनी बिहार निवासी सबाउद्दीन उर्फ सबा, पाक अधिकृत कश्मीर निवासी इमरान अहमद, गोरेगांव मुंबई निवासी अरशद अंसारी उर्फ फहीम, मुरादाबाद के मूंढापांड़े निवासी जंगबहादुर और खजुरिया रामपुर निवासी मोहम्मद शरीफ शामिल हैं।
कोर्ट ने इस मामले में प्रतापगढ़ निवासी मोहम्मद कौसर और बरेली के बहेड़ी निवासी गुलाब खां को बरी कर दिया है। कोर्ट आरोपियों को शनिवार को सजा सुनाएगी। शासकीय अधिवक्ता (अपराध) दलविंदर सिंह ने बताया कि सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए आतंकी हमले के मामले में कोर्ट ने छह आरोपियों को दोषी करार दिया है और दो को बरी कर दिया है। सजा का एलान शनिवार को होगा।
आतंकी हमले में सीआरपीएफ के शहीद
हवलदार ऋषिकेश राय, हवलदार रामजीशरण मिश्रा, हवलदार अफजल अहमद, सिपाही मनवीर सिंह, सिपाही विकास कुमार, सिपाही देवेंद्र कुमार और सिपाही आनंद कुमार।
रामपुर के खंडिया निवासी रिक्शा चालक किशन लाल की भी हमले में मौत हुई थी।
सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए हमले के मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को बरी कर दिया है और छह को दोषी करार दिया है। सजा शनिवार को सुनाई जाएगी।
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