बिहार में मुख्यमंत्री एवं जदयू के संस्थापक नीतीश कुमार के दिवंगत पिता कविराज राम लखन सिंह की स्मृति में हर साल 17 जनवरी को सरकारी कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया गया है।आपको बता दें कि नीतीश कैबिनेट के इस फैसले की वैधता को लेकर सवाल उठने लगे हैं।इस दौरान बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने मामले में राज्यपाल से शिकायत भी की है।
हर साल 17 जनवरी को होंगे विशेष कार्यक्रम
आपको बता दें कि पटना जिले के बाहरी हिस्से में बसे बख्तियारपुर में नीतीश कुमार के पिता राम लखन सिंह वैद्य थे।अब राम लखन सिंह की याद में हर साल 17 जनवरी को बिहार में विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे।वहीं बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने पत्र लिखकर पूछा है कि राम लखन सिंह कौन हैं?
उनका निशाना आज भी है सही -नीतीश कुमार
गौरतलब है कि कुछ साल पहले एक सभा में नीतीश कुमार ने कथित तौर पर कहा था कि कैसे वह एक स्कूली बच्चे के रूप में अपने पिता के क्लिनिक में बैठते थे और दवाओं की पुड़िया पिता की मेज पर निशाना लगाकर फेंकते थे।इसके अलावा नीतीश कुमार ने कहा था कि पूड़ियां फेंकने का उनका निशाना आज भी सही है।
इस बार चूक गए नीतीश कुमार
इस दौरान पिता को स्वतंत्रता सेनानी बताने को लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए बिहार-कैडर के पूर्व आईपीएसम अमिताभ कुमार दास ने कहा कि इस बार नीतीश कुमार ने अपने पिता को स्वतंत्रता सेनानी घोषित कर चूक गए है।वहीं उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर पूछा है कि आखिर किस आधार पर सीएम के पिता को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया गया?उनका आजादी के इतिहास में कहीं नाम नहीं है और उन्हें स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन भी नहीं मिलती थी।मैं इतिहास का छात्र रहा हूं और मैंने कई किताबें पढ़ीं, उनमें कहीं यह नाम नहीं मिला है।इसके अलावा बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के नेताओं ने पूर्व आईपीएस दास के सवाल पर हैरानी जताते हुए कहा कि राम लखन सिंह क्षेत्र के प्रसिद्ध कांग्रेस नेता रहे हैं।