भारत जब गणतंत्र दिवस के रंग में डूबा था तब दिल्ली में उपद्रवियों द्वारा उत्पात मचाया जा रहा था। गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान आंदोलन को समर्थन देने गए। नवरीत ने तो यह कभी सोचा भी नहीं होगा कि 26 जनवरी 2021 उसके जीवन का आखिरी दिन होगा। गौरतलब है वह इसके पहले भी दो बार आंदोलन में शामिल होने दिल्ली जा चुका था। नवरीत कहता यात् रहा था की, यह कोई आम आंदोलन नहीं है। तीनों किसान बिल किसानों हित में नहीं हैं। इन्हें रद्द कर देना चाहिए।
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