सेंट्रल डेस्क आयुषी गर्ग:- देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को जबरदस्त झटका दिया है। बता दें कि DoT की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। इसके अनुसार अब DoT का 92 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया टेलीकॉम कंपनियों को अदा करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि ये बकाया कितने समय में दिया जाएगा उस पर कोर्ट में चर्चा होगी।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि AGR यानी समायोजित सकल राजस्व में लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग के अलावा अन्य आय भी शामिल है। इनमें कैपिटल एसेस्ट की बिक्री पर लाभ और बीमा क्लेम AGR का हिस्सा नहीं होंगे। टेलीकॉम कंपनियों ने इसके लिए 6 महीने का समय मांगा था।
दरअसल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आठ टेलीकॉम कंपनियों को उन पर बकाया 92,000 करोड़ रुपये की रकम चुकाने के निर्देश दिए हैं। इस रकम के साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को पेनल्टी की रकम भी जमा करनी होगी।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग के पक्ष में फैसला करते हुए कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को एक तय समय में बकाया रकम सरकार को चुकानी होगी। कोर्ट ने इसके लिए कंपनियों को 6 महीने समय दिया है। कोर्ट इस मामले में जल्द ही एक आदेश पारित करेगा।
एजीआर की परिभाषा को लेकर 1999-2000 से टेलीकॉम सेक्टदर और दूरसंचार विभाग के बीच यह विवाद चलता आ रहा था। अब अगर अकेले भारती एयरटेल की बात करे तो इन पर 21,000 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया होने का अनुमान है।
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