दंगाईयो से निपटने के लिए मोहाली के एक साइंटिस्ट ने नायाब गन बनाई है। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के प्रोफेसर सम्राट घोष ने एक ऐसी गन बनाई जो रबड़ की गोली तरह निकलेगी इससे शरीर को कोई नुक्सान भी नहीं होगा और दंगाईयो की आसानी से पहचान हो जाएंगी हां लेकिन गोली लगते ही दंगाईयो को एक थप्पड़ लगने का एहसास जरूर होगा। उससे दंगाईयो के चेहरे पर स्याही लग जाएगी जिससे उनकी पहचान करना भी आसान हो जाएगा
इसकी खास बात है यह है कि इस गन के चलने पर पर्यावरण में चमेली, लैवेंडर , चंदन, लैमन ग्रॉस की खुशबू फ़ैल जाएगी। साइंटिस्ट डाक्टर घोष ने बताया कि उन्होंने इस गननुमा डिवाइस को शांति का नाम दिया है। क्योकि दंगे में शामिल लोग कोई दुश्मन नहीं होते है बल्कि वह अपने ही देश के नागरिक होते है। वही सुरक्षा एजेंसिया भी अपनी होती है। ऐसे में कोशिश यही थी किसी बहाने शांति की जाए। यह गन मेक इन इंडिया मुहीम की तरफ से बनाई गई है। इसमें प्लास्टिक की खाली बोतलों और आसानी से घर में मिलने वाले सामान का प्रयोग किया गया है इसमें रबड़ की गोलियां प्रयोग की गई है। वह नोएडा की कंपनी से मंगवाई है। अब देखना होगा यह नायाब तरकीब क्या कारागार सिद्ध होगी।