जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले के बाद बीजेपी की संयोगी पार्टी JDU में दो फाड़ होती हुई नज़र आ रही है। मोदी सरकार के धारा 370 और 35A के हटाए जाने के फैसले का विरोध करने वाले JDU नेता अब इस फैसले पर दोधड़ों में बटे हुए नज़र आ रहे है। एक तरफ JDU पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ‘R.C.P. Singh’ ने कहा कि जब भी संसद कोई कानून बनाती है तो वह देश का कानून होता है और देश के सभी नागरिको को इसका पालन करना चाहिए इसके साथ ही R.C.P. ने यह कहा कि हमारी पार्टी को धारा 370 से लगाव था। इसके साथ ही ‘जॉर्ज फर्नांडिस’ एनडीए के कन्वेनर थे और उन्होंने उस वक्त तय किया था कि जेडीयू धारा 370 जैसे विवादित मुद्दों पर बीजेपी के साथ नहीं है इसीलिए हमारी पार्टी ने दोनों ही सदन में इस बिल का विरोध करते हुए मतदान का बहिष्कार किया था।
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लेकिन अब कश्मीर से धारा 370 खत्म हो गई है और कानून बन चूका है इसलिए सभी को इसका पालन करना चाहिए। आरसीपी यही नहीं रुके उन्होंने अपने पार्टी के नेताओ को अपने बयान में गंभीरता दिखाने की नसीहत तक दे डाली। इसके साथ ही उन्होंने सभी पार्टी के नेताओ को सलाह दी की सभी नेता अब पार्टी की लाइन और सीमा में रह कर ही बयान दे अगर उन्हें पार्टी लाइन पसंद नहीं है तो वह कही भी जाने के लिए स्वतंत्र है।
आरसीपी सिंह से इधर जेडीयू एमएलसी ‘गुलाम रसूल बलियावी’ ने पार्टी के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। बलियावी के अनुसार जेडीयू को मोदी सरकार के द्वारा आर्टिकल 370 और 35A को हटाए जाने के खिलाफ वोट करना चाहिए था। इसके साथ ही बलियावी ने आरसीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘हमारे नेता सिर्फ़ नितीश कुमार है और कौन क्या बोल रहा है मै इसे नहीं जनता और मुझपर इसका असर नहीं होने वाला।’ लोकसभा चुनाव के दौरान यह कहकर हड़कंप बना दिया था की नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनने वाले जिसके बाद बलियावी के इस बयान पर जेडीयू प्रवक्ताओं को सफाई देते नहीं बन रही थी और अब बलियावी ने सीधे तौर पर अपनी पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले आरसीपी सिंह को चुनौती दे डाली है। आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा की क्या कांग्रेस की तरह जेडीयू भी दो धरो में बाँट जाती है या फिर बीजेपी जेडीयू के गठबंधन में कोई नया मोड़ आएगा।
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दिल्ली से- आशुतोष झा की रिपोर्ट।