सेंट्रल डेस्क: प्राची जैन अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एलान के अनुसार इस्लामिक स्टेट सरगना अबू बकर अल बगदादी यूएस स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज की कार्रवाई में मारा गया है। कभी ब्रिटिश पत्रकार का गला काटने का वीडियो जारी कर दुनिया भर में खौफ कायम करने वाला बगदादी दुनिया के सबसे खूंखार और हिंसक संगठन आईएसआईएस का संस्थापक और सरगना था।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह ऑपरेशन लगभग दो घंटे तक चला। अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज से डर कर वह आगे से बंद एक सुरंग में भागने लगा। वह अपने आखिरी समय में खूब रो रहा था, चीख-पुकार कर रहा था।
ट्रंप ने बताया कि बगदादी के पीछे अमेरिकी सेना के कुत्ते दौड़ रहे थे। जिस शख्स ने दूसरों को डराने-धमकाने की इतनी कोशिश की, उसने अपने अंतिम क्षणों को पूरी तरह से डरा हुआ था। उसे अमेरिकी फौज का खौफ सता रहा था।
विस्फोटकों से भरा जैकेट पहनकर खुद को उड़ाया
जब अमेरिकी सेना के कुत्ते बगदादी के बहुत नजदीक पहुंच गए तब उसने विस्फोटकों से भरा जैकेट पहनकर खुद को उड़ा लिया। इस घमाके के दौरान सुरंग धंस गई और बगदादी अपने तीन बच्चों के साथ मारा गया। इसके बाद मलबों से बगदादी का शरीर क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया।
इस दौरान 11 बच्चों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया। अमेरिकी सेना ने उसके मृत शरीर को मलबे से निकालकर डीएनए टेस्ट किया, तब इसकी पुष्टि हो सकी कि बगदादी वास्तव में मारा गया है।
दूसरी मौत: 27 अप्रैल 2015
बगदादी के दूसरी बार मरने की खबर खबर सीरिया के गोलन हाइट्स इलाके से आई। यह वही गोलन हाइट्स है जिसको लेकर सीरिया और इस्राइल में हमेशा से तनातनी चलती रहती है। इस बार ईरान के सरकारी रेडियो ने दावा किया था कि गठबंधन सेनाओं के हवाई हमले में बगदादी घायल हो गया।
जिसके बाद 27 अप्रैल को सीरिया के गोलन हाइट्स इलाके में स्थित एक अस्पताल में बगदादी ने दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं। पड़ोसी देश इराकी की न्यूज एजेंसी अलगाद प्रेस और अल-युम अल-तामेन ने बगदादी के मौत की पुष्टि की थी। लेकिन, जुलाई 2015 में बगदादी को फिर देखा गया।
चौथी मौत: नौ जून 2016
नौ जून 2016 को दावा किया गया कि सीरिया के रक्का शहर जाने की कोशिश के दौरान अमेरिकी फौज ने बगदादी को मार गिराया। कहा गया कि अमेरिकी फौज ने कारों के काफिले में छिपकर रक्का जाने की कोशिश कर रहे आईएसआईएस सरगना को हवाई हमले में मार दिया है। लेकिन, बाद में पता चला कि बगदादी उस काफिले में शामिल ही नहीं था।