पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने शिक्षा संबंधी लचर व्यवस्था पर संज्ञान लेते हुए सरकार और नौकरशाहों को तलब किया है। कि वह स्पष्ट करें कि आला अधिकारी के कितने बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं ।
गौरतलब है कि सरकारी अफसरों के बच्चे न के बराबर ही सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। जबकि सरकारी अधिकारियों का समाज सम्मान और अनुसरण दोनों करता है, ऐसे में समाज भी सरकारी स्कूलों की उपेक्षा न करने लगे या एक बड़ा मुद्दा उभर कर आया है, दिन प्रतिदिन समाज विकास के नए आयाम को छू रहा है। लेकिन ऐसे में सरकारी शिक्षा के मुद्दे लाल फितों में दबता चला गया।
हाईकोर्ट के इस संज्ञान पर अब सरकार इस जानकारी को जुटाने में लगा है। दरअसल मामला यह है कि 15 जुलाई 2021 को पटना हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान राज्य में सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की थी, जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने तब सरकार को यह बताने का आदेश दिया था कि कितने आईएएस आईपीएस और अन्य बड़े अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं ।इसकी जानकारी उपलब्ध कराएं। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए सभी जिलों से जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
मुख्य सचिव इस मामले को लेकर 4 अगस्त को समीक्षा करेंगे मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने हाईकोर्ट के आदेश पर सभी जिलों के जिलाधिकारी और एसपी को चिट्ठी भेजी है इसमें कहा गया है कि जिले के सरकारी स्कूलों में आईएएस आईपीएस के अलावा A कैटेगरी के कितने अधिकारी के बच्चे पढ़ रहे हैं इसकी डिटेल रिपोर्ट तैयार कर सबमिट करें इस मामले को लेकर मुख्य सचिव की 4 अगस्त 2021 को सभी जिलों के डीएम और एसपी के समीक्षा बैठक होंगे।