सेंट्रल डेस्क आशीष कुमार:- सुप्रीम कोर्ट ने आज सबरीमाला मंदिर मामले को सुनवाई के लिए सात जजों की पीठ के पास भेज दिया है। हालांकि न्यायालय ने बड़ी पीठ में सुनवाई के बाद फैसला आने तक अपना पूर्व में दिया गया फैसला लागू रखने का निर्णय दिया है। सीजेआई ने कहा, ‘पूजा स्थलों में महिलाओं का प्रवेश केवल इस मंदिर तक सीमित नहीं है। यह महिलाओं के मस्जिदों और परसी मंदिर में प्रवेश को लेकर भी है। याचिकाकर्ताओं का उद्देश्य धर्म और विश्वास पर बहस को पुनर्जीवित करना था।
शीर्ष अदालत ने 3:2 के बहुमत से पुनर्विचार याचिकाओं को बड़ी बेच को स्थानांतरित किया है। जस्टिस फली नरीमन और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसपर असहमति जताई। मंदिर के अंदर महिलाओं के प्रवेश पर बड़ी बेंच का फैसला आने तक अदालत का पूर्ववर्ती फैसला लागू रहेगा।
बता दें कि पिछले साल तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने मंदिर के अंदर सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को इजाजत दी थी। इस फैसले के बाद लगभग पूरे केरल में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। अदालत ने 4:1 की सहमति से यह फऐसला सुनाते हुए विशेष उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश न करने देने को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था। अदालत के फैसले से पहले केरल को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
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