सेंट्रल डेस्क आयुषी गर्ग:- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है की पराली जलना बंद हो गई है। इससे दिल्ली की हवा में सुधर आया है । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली ने ही उत्तर भारत की हवा को प्रदूषित किया। नासा की तरफ से जारी तस्वीरों से इसकी पुष्टि होती है, जिसमें साफ है कि जिस तरह पराली जलने की घटनाएं बढ़ीं, उसी लिहाज से उत्तर भारत की हवा भी प्रदूषित होती चली गई।
मुख्यमंत्री ने नासा की तरफ से जारी तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा कि पराली जलना कुछ कम हुआ है। इसी कारण दिल्ली समेत उत्तर भारत की हवा में भी प्रदूषण कम हुआ। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के साफ आसमान की फोटो ट्वीट कर लिखा कि कितना सुंदर शहर है हमारा। जरा सोचिए, अगर पराली जलनी बंद हो जाए तो पूरा साल ऐसा ही नीला आसमान नजर आएगा और हमारी सेहत भी सुधर जाएगी। दिल्ली के अपने प्रदूषण को भी हमें और कम करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 अक्तूबर तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक थी। अचानक 10 अक्तूबर से दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब होती गई और बेहद खराब और फिर खतरनाक स्तर तक पहुंच गई।
दिल्ली में उद्योगों का भी प्रदूषण है, गाड़ियों का भी प्रदूषण है, धूल मिट्टी का भी प्रदूषण है। 10 अक्तूबर से ही पराली जलने के लाल धब्बे तस्वीरों में आने शुरू हो गए थे। इससे साफ है कि वर्तमान प्रदूषण के लिए पराली जलना ही जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अगर पड़ोसी राज्य पराली जलाना बंद नहीं कर रहे, तो दिल्ली के लोग आखिर क्यों तकलीफ झेलें और कब तक झेलें।
दिल्ली ने अपना प्रदूषण कम करने के लिए सब कुछ किया। 24 घंटे बिजली देकर जनरेटर बंद किए। ऑड-ईवन लागू कर स्थानीय प्रदूषण को नियंत्रित किया गया। दिल्ली में लगभग तीस लाख गाड़ियां प्रतिदिन सड़क पर उतरती हैं। ऑड-ईवन में 15 लाख गाड़ियां सड़क से हट जाती हैं। इससे दिल्ली के स्थानीय प्रदूषण में कमी आई।
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