बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं। सभी दल अपनी रणनीति को लागू करने में जुटे हैं। बयानों से वार जारी है और इसके साथ ही नए रिश्ते जुड़ रहे हैं तो आए दिन सालों पुराने रिश्तों में दरार भी आती दिख रही है। लेकिन इस सब के बीच सभी दल विरोधियों को चौंकाने वाले दांव भी खेल रहे हैं। ऐसा ही एक दांव चला है राष्ट्रीय जनता दल ने…। आरजेडी ने सीवान की रघुनाथपुर सीट से हरिशंकर यादव को टिकट देकर चौंका दिया। इसके अलावा सहरसा से पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को टिकट मिलना भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है। दरअसल रघुनाथपुर सीट से चुनाव लड़ने से शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने मना कर दिया था। सुपौल सीट मांगी तो वहां कांग्रेस ने अड़ंगा लगा दिया। इसी को लेकर आरजेडी ने ये दांव चला।
वहीं आरजेडी का दूसरा दांव एलजेपी को परेशान करने वाला है। लोक जन शक्ति पार्टी से सांसद चौधरी महबूब अली कैसर के बेटे चौधरी यूसुफ कैसर को आरजेडी ने टिकट दिया है।कैसर के बेटे को आरजेडी ने सिमरी बख्तियारपुर से उम्मीदवार बनाया है। इस पूरे प्रकरण में चौंकाने वाली बात ये है कि यूसुफ कैसर भी एलजेपी से जुड़े रहे हैं और युवा लोजपा के प्रदेश महासचिव भी रह चुके थे।
यूसुफ कैसर को सिर्फ एक हफ्ते पहले ही तेजस्वी यादव ने आरजेडी में सदस्यता दिलाई थी। उनके पार्टी में शामिल होने के बाद से चर्चा थी कि पार्टी उन्हें टिकट देगी। अभी तक आऱजेडी ने करीब 36 प्रत्याशियों को उनकी सीट साफ की जा चुकी है।
आरजेडी के दांव से साफ है कि इस बार चुनाव में पूरा खेल समीकरण पर आधारित होगा। पार्टियां ना सिर्फ अपने पक्ष में माहौल तैयार करने की कोशिश करेंगी बल्कि दूसरे खेमे के नाराज नेताओं को तोड़कर अपनी पार्टियों से मौका भी दे रही हैं। दिलचस्प है कि सिर्फ हफ्ता भर पहले पार्टी में शामिल हुए नेताओं को टिकट मिल रही है और वर्षों से पार्टी के लिए संघर्ष करने वाले कार्यकर्ता सिर्फ ठगा सा महसूस करके रह जाते हैं।