पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संरक्षक रामविलास पासवान के निधन से एक राज्यसभा सीट खाली हो चुकी है। वहीं अब इस राज्यसभा सीट पर दावेदारी को लेकर लगातार चर्चा का बाजार गर्म है। हालांकि इसे लेकर अभी तक कुछ भी साफ नहीं हो सका है औऱ अभी भी असमंजस की स्थिति है। इस मुद्दे को लेकर ना तो एलजेपी कुछ बोल रही है और ना ही जेडीयू। उधर बीजेपी की बात करें तो इस दल की तरफ से भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधी गई है। ओर से भी इस मामले पर अभी कोई पक्ष सामने नहीं आया है. हालांकि लोजपा के हिस्से की यह सीट उसी के खाते में रहेगी या नहीं इसको लेकर संशय बरकरार है.
दरअसल बिहार चुनाव के दौरान एलजेपी और जेडीयू के बीच जिस तरह की तल्खी देखने को मिली है उससे साफ है कि इस सीट को हासिल करना एलजेपी के लिए आसान तो बिल्कुल नहीं है। हालांकि अभी तक एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान की तरफ से इस सीट को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है लेकिन कई एलजेपी नेता पीएम मोदी और बीजेपी नेतृत्व से इस सीट से रीना पासवान को राज्यसभा भेजने की मांग कर चुके हैं। एलजेपी नेताओं का कहना है कि रीना पासवान को राज्यसभा भेजना ही रामविलास पासवान को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
वहीं इसके अलावा बिहार के सियासी गलियारों में इस सीट पर एक और दावेदार का नाम सामने आ रहा है। ये नाम है बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का…। माना जा रहा है एलजेपी और जेडीयू के बीच की तल्खी को देखते हुए बीजेपी किसी ऐसे उम्मीदवार का नाम सामने रखना चाहेगी जिस पर सब सर्वसम्मति रख सकें। ऐसे में पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नाम की चर्चा तेजी से चल रही है।
सीटों पर जीत हार के समीकरण के लिहाज से इस एकमात्र सीट को निकालने के लिए किसी भी गठबंधन के पास विधानसभा में बहुमत का होना जरूरी है। अगर विपक्ष की ओर से भी प्रत्याशी खड़ा कर दिया जाता है तो 243 सदस्यीय विधानसभा में जीत उसी की हो सकती है, जिसे प्रथम वरीयता के कम से कम से कम 122 वोट मिलेंगे।