उत्तर प्रदेश की सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा महिलाओं के लिए मिशन शक्ति अभियान शुरू किया गया था जिसके तहत उनको उनके उत्तम कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है। साथ ही सुरक्षा के लिए जागरूक भी किया जाता है।
इस मिशन शक्ति को लेकर उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने कुछ आदेश जारी किए हैं जिसके तहत उन्होंने कहा है कि कमिश्नरेट व सभी जिलों में महिला सब इंस्पेक्टर व महिला कांस्टेबल की संख्या के अनुसार पुलिस थानों की तीन से चार बीटों पर एक-एक महिला बीट बनाई जाए। मिशन शक्ति के तीसरे चरण में महिला पुलिस बीट अधिकारी की चयन के संबंध में डीजीपी ने बुधवार को संपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किया।
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जिसमें बताया गया है कि महिला बीट में दो-दो महिला बीट पुलिस अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। महिला इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल को मिलाकर टीम बनाते हुए महिला बीट पुलिस अधिकारी नियुक्त किए जाएं। जिसका नाम महिला बीट पुलिस अधिकारी रखा जाएगा।
डीजीपी का कहना है कि महिला बीट पुलिस अधिकारी अपनी बीट में जाकर महिलाओं से बातचीत करते हुए जुर्म होने की स्थिति में तत्काल थाने को सूचित करके कार्यवाही शुरू कराई जाएगी। साथ ही छोटी-छोटी शिकायतों की भी जानकारी लेते हुए समय से जरूरी कार्रवाई की जाएगी। महिला बीट पुलिस अधिकारी हफ्ते के दो से तीन दिन में एक बीट का भ्रमण करेंगी।
बताया जा रहा है कि प्रत्येक गांव के पंचायत भवन या नवसृजित ग्राम सचिवालय में मिशन शक्ति कक्ष होगा जहां पर सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक महिलाओं की परेशानियों का समाधान किया जाएगा। साथ ही उन सभी महिलाओं को शासन द्वारा महिलाओं के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं एवं पुलिस प्रशासन की विभिन्न हेल्पलाइन जैसे 112, 1090, 1076, 181 व 108 के बारे में जानकारी दी जाएगी।
साथ ही डीजीपी ने यह भी कहा कि महिला बीट पुलिस अधिकारी को थाना स्तरीय महिला सुरक्षा समिति एवं ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों से भी संतुलन स्थापित करते हुए उनकी मौजूदगी व सहयोग से छोटी समस्याओं का समाधान संवाद के माध्यम से गांव में ही कराना होगा। महिला हेल्पडेस्क के समान ही मिशन शक्ति कक्ष में फ्लेक्सी शीट लगाई जाए जिन पर सभी हेल्पलाइनों के नंबर प्रदर्शित किए जाएं।
उनका कहना है कि महिला बीट के बीट बुक की जांच हर महीने सीओ द्वारा की जाएगी साथ महिला बीट पुलिस अधिकारियों का पर्यवेक्षण अपने-अपने सर्किल में सीओ द्वारा किया जाए। इसी तरह वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा भी महिला बीट पुलिस अधिकारियों के कार्यों का निरीक्षण किया जाए।
डीजीपी कहना था कि एसपी या एएसपी द्वारा पुलिस लाइंस में महिला पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाए। इस दौरान उन्हें महिला बीट के औचित्य, गांवों में भ्रमण के दौरान महिलाओं के बीच में पहुंचकर उन्हें प्रोत्साहित करने, समस्याओं पर कार्रवाई की बीट बुक बनाने तथा शिकायतों की गंभीरता के अनुसार कार्रवाई करने जैसे जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षित किया जाए।