मुख्य रूप से यूटीआई ई-कोलाई बैक्टीरिया से होता है. ये बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच जाता है बता दें कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ये समस्या अधिक देखने को मिलती है
आपको बता दें यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी UTI एक आम बीमारी है जो अधिकतर महिलाओं में देखी जाती है और यह तब होती है जब रोगाणु मूत्र प्रणाली को संक्रमित कर देते हैं जिसके चलते इसका असर किडनी, ब्लैडर और इन्हें जोड़ने वाली नलिकाओं पर भी पड़ता है. वैसे तो यूटीआई बीमारी आम है लेकिन ध्यान ना दिया जाए तो इसका इंफेक्शन किडनी में भी फैल सकता है और किसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है
अधिकतर यूटीआई की वजह से ब्लैडर इंफेक्शन हो जाता है जिसके चलते पेशाब करने में जलन, बार-बार पेशाब लगना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना और पेशाब से दुर्गंध आती है यदि यह बीमारी किडनी तक पहुंच जाए तो पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द महसूस होता है इसकी वजह से कई बार बुखार, ठंड लगना या उल्टी भी महसूस हो सकती है
यूटीआई का अगर सही समय पर इलाज ना किया जाए तो ये ब्लैडर से एक या दोनों किडनी में फैल सकता है. किडनी में पहुंच कर बैक्टीरिया इसकी कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचाता है इसके अलावा पहले से ही जिन लोगों को किडनी की दिक्कत है, इसकी वजह से उनमें किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है वही इस बात की भी संभावना है कि यूटीआई खून के जरिए शरीर के दूसरे अंगों में फैल जाए
महिलाओं में सेक्सुअली एक्टिव इस इंफेक्शन की संभावना ज्यादा होती है. इसके साथ ही कम पानी पीने वालों, एक दिन में कई बार नहाने वालों, बहुत देर तक पेशाब को रोक कर रखने वालों और किडनी स्टोन वालों में भी ये इंफेक्शन जल्दी होता है यूटीआई के बारे में पता, यूरीन टेस्ट के जरिए लगाया जा सकता है
बता दें कि कुछ यूटीआई बिना दवाइयों के अपने आप ठीक हो जाते हैं तो कुछ गंभीर इंफेक्शन का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए किया जाता है. इसके अलावा डॉक्टर खूब तरल पदार्थ लेने और ब्लैडर से बैक्टीरिया बाहर निकालने के लिए जल्दी-जल्दी बाथरूम जाने की सलाह दे सकते हैं. किडनी इंफेक्शन का इलाज भी एंटीबायोटिक दवाओं से हो सकता है लेकिन गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता भी पड़ सकती है
यूटीआई का खतरा डायबिटीज के मरीजों में अधिक देखने को मिलता है. इसकी कई वजहें हैं जैसे कि डायबिटीज के मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर होना. वही हाई ब्लड शुगर यूरीन में फैलकर बैक्टीरिया को बढ़ाने का कार्य करता है. डायबिटीज के मरीजों का ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं होता है जिससे यूटीआई की संभावना बनी रहती है
यूटीआई इंफेक्शन से बचने के लिए खूब सारा पानी पीना चाहिए सेक्स से पहले और बाद में टॉयलेट जरूर जाएं प्राइवेट पार्ट की अच्छे से सफाई करने के साथ-साथ किसी भी तरह के हाइजीन स्प्रे का कम इस्तेमाल करना चाहिए नहाने के लिए बाथ टब के इस्तेमाल से बचना चाहिए. इसके अलावा पेशाब को देर तक नहीं रोकना चाहिए