युवाओं के मुद्दे जैसे बेरोजगारी, शिक्षा का कमतर बजट और शैक्षणिक माहौल में कमी आदि मुद्दों को लेकर देश के तमाम आंदोलनों के नेता और प्रगतिशील संगठन एक मंच पर आकर भाजपा का विरोध करेंगे।
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान देश भर के विभिन्न इलाकों में जाकर वे अभियान चलाएंगे। सोमवार को यंग इंडिया नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ने प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता बुलाकर इसकी घोषणा की।
प्रेसवार्ता में एसएससी आंदोलन से जुड़े रहे गोपाल तिवारी ने कहा कि देश में पांच सालों में शिक्षा और नौकरियों का हाल बेहाल है। एसएससी जैसी परीक्षाओं में घपलेबाजी से युवा खुदकुशी तक कर लेते हैं, और सरकार उल्टा उन्हें दोषी बनाने का प्रयास करती है। कमेटी में शामिल आईसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे ने कहा कि अगली सरकार के चुनाव में युवा अहम भूमिका निभाने वाले हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के पिछले पांच साल देश के भविष्य के लिए सबसे विनाशकारी रहे हैं। सस्ती सार्वजनिक वित्त पोषित शिक्षा तक पहुंच, गरिमापूर्ण शिक्षा के अवसर, भेदभाव मुक्त जीवन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार आदि पिछले पांच वर्षों में गंभीर हमले का शिकार हुए हैं।
जवाहर लाल नेहरू विवि छात्रसंघ अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने कहा कि हमने सात फरवरी को यंग इंडिया अधिकार मार्च निकालकर राजनीतिक दलों को युवाओं की मांगों वाला चार्टर सौंपा था। सत्ता में रहते हुए भाजपा 2014 के चुनावों में किए गए सभी वादों को भूल गई है। हम बदायूं से भाजपा को रोकने के लिए अभियान की शुरुआत करेंगे।