केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार नई दिल्ली में केन्द्रीय पंजीयक – सहारा रिफंड पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in का शुभारंभ किया। इस पोर्टल को सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के प्रामाणिक जमाकर्ताओं द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है।
अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि इस कार्यक्रम का महत्व इस दृष्टि से है कि जिन लोगों की गाढ़ी कमाई इन 4 सहकारी समितियों में फंसी है, उनके प्रति किसी का ध्यान नहीं गया। ऐसे मामलों में अक्सर मल्टी-ऐजेंसी सीज़र हो जाता है क्योंकि कोई ऐजेंसी निवेशक के बारे में नहीं सोचती। उन्होंने कहा कि इसके कारण कोऑपरेटिव सोसाटीज़ के प्रति बहुत बड़ी असुरक्षा और अविश्वास की भावना पैदा हो जाती है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री (Amit Shah) ने कहा कि कई बार घपले-घोटाले के आरोप लगते हैं और जो लोग इनमें निवेश करते हैं, उनकी पूंजी फंस जाती है, जैसे सहारा का उदाहरण सबके सामने है। उन्होंने कहा कि कई सालों तक सुप्रीम कोर्ट में केस चला, ऐजेंसियों ने इनकी संपत्तियां और खाते सील कर दिए, और, ऐसा होने पर कोऑपरेटिव सोसायटीज़ की विश्वसनीयता समाप्त हो जाती है।
उन्होंने (Amit Shah) कहा कि इस बात पर विचार किया गया कि क्या कोई ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है जिसमें सभी लोग अपने दावों से ऊपर उठकर छोटे निवेशकों के बारे में उन्होंने कहा कि ट्रायल बेसिस पर पारदर्शी तरीके से आज निवेशकों को 5,000 करोड़ रूपए की राशि लौटाने की शुरूआत हो रही है। उन्होंने कहा कि जब 5,000 करोड़ रूपए का भुगतान हो जाएगा तब बाकी बचे निवेशकों की राशि लौटाने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री (Amit Shah) ने कहा कि आज लॉंच हुए पोर्टल के माध्यम से पहले निवेशकों को, जिनकी जमाराशि 10,000 रूपए या इससे अधिक है उसमें से 10,000 रूपए तक की राशि का, भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर आवेदन करने के लिए चारों समितियों का पूरा डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में ऐसे सभी प्रावधान किए गए हैं जिससे कहीं भी किसी प्रकार की गड़बड़ी और किसी भी प्रामाणिक निवेशक के साथ अन्याय की गुंजाइश ना हो।