कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को अपने चपेट में ले लिया हुआ है। पिछले डेढ़ सालों में पूरे विश्व का आर्थिक और मानसिक रूप से बहुत ही ज्यादा नुकसान हुआ है।
अगर कोरोना की पहली लहर की बात करें तो दवाइयों का अभाव दिखता है और दूसरी लहर की बात करें तो ऑक्सीजन का अभाव। इसी सब को ध्यान में रखते हुए पूरे विश्व में और खास करके भारत में तीसरी लहर के आने से पहले ही उसकी तैयारियां की जा रही है। ताकि लोगों की जान का ज्यादा खतरा ना हो।
आने वाली तीसरी लहर को लेकर अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांटों में ट्रांसफार्मर के साथ साथ जेनरेटर की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। ताकि बिजली के न होने पर लाइफ सपोर्ट सिस्टम के सहारे सभी मरीजों के ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके।
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ऑक्सीजन प्लांटों के साथ विशेष ट्रांसफार्मर लगाने के साथ ही डीजी जेनरेटर के सेट भी लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया है कि राज्य में स्थापित किए जा रहे सभी ऑक्सीजन प्लांटों में डीजी जेनरेटर सेट भी लगाए जाएंगे। अलग-अलग क्षमता वाले निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांटों में अलग-अलग क्षमता के डीजी जेनरेटर सेट भी लगेंगे। सूत्रों के अनुसार निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांटों में 100 से 250 किलोवाट क्षमता वाले डीजी जेनरेटर सेट लगाए जाएंगे।
बता दें कि बिहार के कुल 122 स्थानों पर पीएसए ऑक्सीजन मशीनें लगाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों खबर मिली है कि सभी प्लांटों के निर्माण स्थल पर बिजली के विशेष ट्रांसफार्मर लगाए जा चुके हैं। सभी स्थानों पर सिविल निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।
फिलहाल प्लांट स्थल पर पीएसए मशीन को लगाने की तैयारी की जा रही है। अनुमंडल अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं प्लांट राज्य के अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों तक पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए जा रहे हैं।
जिनमें कि जिला अस्पतालों की संख्या अधिक है। साथ ही सभी अस्पतालों के वार्ड में स्थित बेड तक ऑक्सीजन पाइप लाइन भी बिछाया जा रहा है। जिससे कि आवश्यकता पढ़ते ही आसानी से सभी मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाया जा सके और अफरा-तफरी का माहौल ना बने।