बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार में सियासी वार पलटवार और तीखे हो चुके हैं। सियासी विरोधी एक दूसरे पर अब ना सिर्फ करारा वार कर रहे हैं बल्कि अब मुद्दा निजी मसलों तक आ पहुंचा है। बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा। चुनाव प्रचार के दौरान चौबे ने कहा कि तेजस्वी कैबिनेट की सही स्पेलिंग तक नहीं बता सकते। अश्विनी चौबे ने कहा कि जिस शख्स को मुद्दों की सही समझ तक नहीं है और जो दसवीं की परीक्षा तक नहीं पास कर सका वो एक इंजीनियर यानि नीतीश कुमार की आलोचना कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी कैबिनेट की स्पेलिंग तक नहीं लिख पाएंगे। उनके पिता ने भी कभी इसी तरह पहली कैबिनेट बैठक में एक लाख नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने जनता से पैसा लिया और नौकरी के आवेदन अभी तक कूड़े के ढेर में इंतजार कर रहे हैं।
अश्विनी चौबे ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस-राजद गठबंधन के लोग गप्पू और पप्पू हैं, जो केवल लप्पू देंगे मतलब सिर्फ झूठ बोलेंगे और लोगों को ऐसे लोगों से सतर्क रहना होगा। वहीं उन्होंने बीजेपी के मुफ्त वैक्सी के वादे को लेकर चुनाव आयोग के फैसले का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि इसे लेकर चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है।
अश्विनी चौबे ने कहा कि सुशासन वाली सरकार ही जनता को अच्छी सुविधाएं देने में सक्षम हो सकती है नहीं तो बिहार में फिर से लूट मच जाएगी। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी तेजस्वी की पढ़ाई को लेकर निशाना साध चुके हैं।
वहीं तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट करके नीतीश पर पलटवार किया था। उन्होंने लिखा था कि पिछले 15 साल के शासन में उन्होंने बिहार में शिक्षा-स्वास्थ्य और उद्योग जगत को बर्बाद कर दिया है। प्रदेश के मौजूदा और भविष्य की पीढ़ी को खत्म कर दिया गया है। क्या उन्हें इन मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए?”