बिहार चुनाव में सियासी उठापटक के बाद अब वार पलटवार का दौर शुरू हो चुका है। बिहार की सियासत में इन दिनों लोक जनशक्ति पार्टी अच्छी खासी लाइमलाइट में है। हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीए से किनारा कर लिया है । जेडीयू के साथ शुरू हुई तनातनी का अंत एनडीए में दरार के साथ हुआ है। जेडीयू से अपने रास्ते अलग करने के बाद चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा था। लेकिन अब चिराग पासवान भी जेडीयू के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल खुलेआम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देने के बाद चिराग ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को लेकर कहा था कि तेजस्वी उनके छोटे भाई के जैसे और मेरी शुभकामनाएं तेजस्वी के साथ है। जैसे ही चिराग पासवान ने ये बयान दिया वैसे ही जेडीयू उनके ऊपर हमलावर हो गई है।
चिराग़ पासवान के इस बयान को लेकर जेडीयू ने तीखा हमला किया है। जेडीयू की तरफ से कहा गया कि -एक तरफ तो चिराग नरेंद्र मोदी ज़िंदाबाद कर रहे हैं और दूसरी और तेजस्वी यादव को शुभकामनाएं दे रहे हैं। ऐसे में अब बीजेपी तय करना चाहिए कि क्या एलजेपी को एनडीए में रखा जा सकता है। दरअसल एलजेपी और जेडीयू के बीच पिछले काफी वक्त से तनातनी थी और अब रास्ते अलग होने के बाद घमासान छिड़ गया है। वहीं बीजेपी नेताओं ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है।
उधर बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस बारे में कोई संशय नहीं है कि चिराग अब हमारे राजनीतिक विरोधी हैं और बीजेपी का उनसे कोई संबंध नहीं है। बीजेपी का विरोध इस कदर तक पहुंच चुका है कि अगर एलजेपी पीएम मोदी की तस्वीरों का इस्तेमाल अपनी प्रचार सामग्री में करती है तो बीजेपी इसे लेकर चुनाव आयोग के सामने विरोध दर्ज कराएगी।
हालांकि बीजेपी चिराग पासवान पर रामविलास पासवान की स्थिति के हिसाब से सिंपैथी का रवैया अपना रही है। खबर है कि रामविलास पासवान की तबीयत खराब होने के चलते ही चिराग पासवान पर कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया है। दरअसल पासवान अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है।
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