पिछले करीब दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों आंदोलन के खत्म होने के कोई आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। बल्कि इस बीच किसानों का सरकार के साथ गतिरोध लगातार बढ़ता ही दिख रहा है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की सशर्त इजाजत मिलने के बाद अब किसानों ने अपनी योजना में एक और चीज जोड़ दी है।
आंदोलन कर रहे किसानों के संगठनों में से एक क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि 1 फरवरी को पैदल संसद भवन तक किसान मार्च किया जाएगा। दरअसल बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 15 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। 1 फरवरी को केंद्र सरकार अपना बजट पेश करने जा रही है।
वहीं इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि किसान ट्रैक्टर रैली के लिए गणतंत्र दिवस के अलावा भी किसी दिन का चुनाव कर सकते थे।अब किसान ट्रैक्टर रैली कर रहे हैं तो पुलिस प्रशासन के लिए इसे शांतिपूर्ण निपटाना एक चुनौती होगी। कृषि मंत्री ने कहा कि देश के हर नागरिक को अपना विरोध जाहिर करने का अधिकार है। हमने किसानों की चिंताओं को सुनने की कोशिश की है। उम्मीद है कि ये मुद्दा जल्द ही सुलझ जाएगा।
दरअसल किसानों और सरकार के बीच अभी तक हुई 11 दौर की वार्ता बेनतीजा साबित हो चुकी है। सरकार की तरफ से फाइनल प्रपोजल के तौर पर कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक होल्ड करने की बात कही गई है। अब किसानों को इसे लेकर अपना फैसला करना है।