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पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिए गए गुरमीत राम रहीम पर पंचकूला की सीबीआई कोर्ट से बड़ा फैसला आया है। बाबा गुरमीत राम रहीम को दोषो करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। जानकारी के लिए बता दे सजा का ऐलान विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ था।
गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम तथा तीन अन्य को इस मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया था। 16 साल पुराने इस मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई अदालत ने बुधवार को हरियाणा सरकार की अर्जी को मंजूर करते हुए बड़ी राहत दे दी। इस बीच सिरसा और फतेहाबाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सिरसा और फतेहाबाद जिलों में धारा 144 लागू है। उल्लेखनीय है कि गुरमीत राम रहीम इस समय साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है, वहीं तीन अन्य अंबाला सेंट्रल जेल में हैं।
पत्रकार रामचंद्र की हत्या के मामले पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने पत्रकार रामचंद्र की हत्या के मामले में गुरमीत सिंह राम रहीम को मुख्य आरोपी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है यानि अब अपनी आखरी सांस तक गुरमीत सिंह राम रहीम जेल की सलाखों के पीछे रहेंगे।
अब जानिए क्या थी पूरी घटना-
यह एक बड़ा फैसला है जिसका कई वर्षों से पत्रकार रामचंद्र के बेटे को इंतज़ार था और अब जा कर इंसाफ मिला है, यह पहला ऐसा केस नहीं है जिसमे इतनी लम्बी सजा मिली हो राम रहीम पहले ही दो मामलों में दस-दस साल की सजा काट रहे है। यानि वह पहले ही बीस साल जेल में गुज़ारते और अब पत्रकार हत्या मामले में उम्र कैद की सजा काटेंगे। हालांकि सीबीआई के वकील ने कोर्ट से फांसी की मांग करी थी लेकिन कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है।
आपको बता दें की 24 अक्टूबर 2002 को पत्रकार रामचंद्र पर 2 बाइक सवार अज्ञात व्यक्तियों ने अंधाधुन गोलीयों की बौछार की थी जिनमे से पांच गोलियां पत्रकार को लगी थी और वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिसके बाद वह दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती थे। 21 नवंबर 2002 को उनकी मौत हो गई थी और तब से अब तक पत्रकार के बेटे उनके लिए इंसाफ की गुहार कर रहे थे। अब 17 सालों के बाद रामचंद्र को इंसाफ मिला है।
क्या है पत्रकार छत्रपति हत्याकांड?
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड करीब 17 साल पुराना है और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इसमें आरोपी है। साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति की हत्या का मामला उनके परिजनों ने दर्ज करवाया था और बाद में इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था। सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था।