चीन अब अमेरिका को चारों ओर से घेरने की कोशिश करता नजर आ रहा है बता दे की चीन अमेरिका के पड़ोस में स्थित लैटिन अमेरिकी देशों में जबरदस्त निवेश कर रहा है जिसके चलते ऐसा लग रहा है जैसे लैटिन अमेरिका को चीन ‘अधिग्रहण’ कर लेगा चीन ने हाल में लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों के साथ संबंधों को गहरा करने के लिए कर्ज समेत कई बड़े सौदों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
चीन ने ब्राजील, अर्जेंटीना जैसे बड़े देशों सहित क्षेत्र के लगभग सभी देशों को समझौते के लिए शामिल गया है, इसके अलावा चीन ने कोलंबिया, क्यूबा, बोलविया, इक्वेडोर, बाहमास, जमैका, वेनेजुएला, उरुग्वे और चिली को भी शामिल किया है वही बीजिंग इन देशों के साथ परमाणु तकनीक साझा करने, 5G नेटवर्क बनाने, अंतरिक्ष कार्यक्रम विकसित करने और सस्ते कर्ज जैसे समझौते कर रहा है दशकों से जारी इस क्षेत्र में चीनी निवेश और व्यापार ने अमेरिकी शक्ति को कम कर दिया है, चीन ने कई दशक से इस क्षेत्र में बंदरगाहों, सड़कों और बिजली संयंत्रों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सैकड़ों अरबों डॉलर डाले हैं.
विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि बीजिंग ने अमेरिका के पड़ोसी देशों को ‘अधिग्रहण’ करने की योजना बनाई है और यह अमेरिका के लिए ‘बढ़ता खतरा’ है बता दे की चीन ने चीनी भाषा और ‘संस्कृति’ सिखाने वाले स्कूलों और फंड कक्षाओं का निर्माण करने का भी वादा किया है, हालांकि इस तरह के संस्थानों की आलोचना कहीं और चीनी राज्य के प्रचार को बढ़ावा देने और अकादमिक स्वतंत्रता को सीमित करने के लिए की गई है हेरिटेज फाउंडेशन के एक शोधकर्ता ने कहा, ‘लैटिन अमेरिका में चीन के प्रमुख प्रभाव बनने की महत्वाकांक्षाएं हैं शोधकर्ता ने कहा अमेरिका के लिए यह चुनौती व्यापक है, और वहां पूरी तरह से एक सुरक्षा और सैन्य हित है इसके अलावा यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के एक प्रोफेसर के मुताबिक ‘चीनी यह नहीं कहते हैं, “हम लैटिन अमेरिका पर कब्जा करना चाहते हैं,” लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से एक बहुआयामी रणनीति निर्धारित की, जो सफल होने पर, उनके महत्वपूर्ण रूप से विस्तार करेगी