लद्दाख में LAC को लेकर भारत और चीन के बीच बढ़ा तनाव अब धीरे-धीरे कम होता नजर आ रहा है। चीन के विश्लेषकों ने उम्मीद जताई है कि पैंगोंग के इलाके में पीछे हटने के बाद अब सेनाएं बाकि दूसरे इलाकों में भी पीछे हट सकती है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में यह जानकारी दी है।
चीनी मीडिया का दावा
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, “चीन और भारत के बीच शनिवार को कथित तौर पर हुई 10वें दौर की कोर कमांडर स्तरीय बातचीत के बाद चीनी विश्लेषकों ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी इलाके में हाल ही में पीछे हटने के बाद अब अन्य हॉट स्पोस्ट (तनावपूर्ण इलाकों) में भी पीछे हट (डिसइंगेजमेंट) सकती है।
PTI के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा
उसने लिखा, “भारतीय समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) ने रविवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की तरफ शनिवार को आयोजित बैठक में चीन और भारत के बीच असहमति प्रक्रिया के विस्तार पर विस्तृत बातचीत की गई।” सूत्रों से PTI ने बताया कि वार्ता करीब 16 घंटे चली।
PTI ने दी सेनाओं के बीच वार्ता की जानकारी
PTI ने सूत्रों के हवाले से कहा, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्डो सीमा बिंदु पर कोर कमांडर स्तरीय वार्ता शनिवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई और रविवार तड़के दो बजे खत्म हुई। वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देप्सांग जैसे गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बातचीत पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं
हालांकि, वार्ता के बारे में अब तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों द्वारा बैठक पर आधिकारिक बयान जारी करना अभी बाकी है। यह बातचीत दोनों सेनाओं के पैंगांग सो (झील) के उत्तरी व दक्षिणी किनारों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से सैनिकों व हथियारों की वापसी के पूरा होने के दो दिन बाद हुई।
ग्लोबल टाइम्स ने कियान फेंग का बयान लिखा
सिंघुआ विश्वविद्यालय के नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने रविवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चीन और भारत की सेनाओं द्वारा पैंगोंग त्सो इलाके में दोनों तरफ से डिसइंगेजमेंट किए जाने के बाद कोर कमांडर स्तर की 10वीं वार्ता हुई। जिसका उद्देश्य पिछले समझौते के बाद बचे हुए मुद्दों को हल करना था।
गतिरोध का केंद्र बिंदु पैंगॉन्ग त्सो था: कियान फेंग
कियान फेंग ने कहा, गतिरोध का केंद्र बिंदु पैंगॉन्ग त्सो था, जिसे हल करने के लिए सबसे कठिन समस्या भी माना जाता था। कियान फेंग ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि पूर्वोक्त क्षेत्र में सुचारू डिसइंगेजमेंट के बाद अब अन्य स्थानों में भी बिना किसी समस्या के डिसइंगेजमेंट होना चाहिए।
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