सीट बंटवारे पर एनडीए के खेमे में अभी तक स्थिति साफ नहीं हो सकी है। बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी के बीच बातचीत का दौर तो लगातार जारी है लेकिन मामला अब भी उलझा हुआ ही है। हालांकि अमित शाह ने इस मसले को सुलझाने की जिम्मेदारी खुद पर ली है। और इसके बाद से ही मामला कुछ सुलझता भी दिख रहा है। इसी समस्या को सुलझाने के लिए आज एक बार फिर एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह के साथ अहम बैठक हो सकती है। खबर है कि बीजेपी 4 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले गठबंधन की सभी पार्टियों में सहमति बना लेना चाहती है। ताकि वक्त पर ही उम्मीदवारों की घोषणा की जा सके।
बिहार चुनाव के पहले चरण के नामांकन प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। वहीं तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक एलजेपी ने गठबंधन में अपनी भूमिका साफ नहीं की है। एलजेपी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और उसके 42 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। इस बार एनडीए में जेडीयू भी शामिल है जिसकी वजह से एलजेपी को पिछली बार के बराबर सीट नहीं मिल सकती। लेकिन चिराग पासवान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं इसके अलावा अभी ये भी तय नहीं हो सका है कि अगर एलजेपी एनडीए का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ती है तो उसे कौन कौन सी सीट पर उम्मीदवार उतारने के लिए मिलते हैं। अभी तक चिराग पासवान बीजेपी नेताओं से कई दौर की बातचीत कर चुके हैं और अभी तक स्थिति साफ नहीं हो सकी है।
वहीं प्रकरण को लेकर जेडीयू के सुरों में भी बदलाव दिख रहा है। जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि बहुत जल्द सब ठीक हो जाएगा। गठबंधनों में चुनाव के वक्त ऐसी स्थिति आती है। और एनडीए पहले से ही विरोधियों पर बढ़त हासिल कर चुका है।
दरअसल दो दिनों से दिल्ली से लेकर पटना तक गठबंधन के दलों की बैठकें चल रही हैं। लगातार हो रहे मंथन और अंदरूनी सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक 4 अक्टूबर को बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले एनडीए में सीटों के बंटवारा हो जाएगा और इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप भी हो जाएगा।