नबीला शगुफी की रिपोर्ट
केंद्रीय सतर्कता आयोग(सीवीसी) के गंभीर आरोपों के बाद से विवादों में घिरे आलोक वर्मा को आखिरकार सीबीआई के डायरेक्टर के पद से हटा दिया गया है। सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में आलोक वर्मा पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही सीबीआई की कुछ रिपोर्ट्स निकाल कर उनकी फौरन जांच करने की मांग भी की है।
ये हैं वे आरोप जिनकी वजह से आलोक वर्मा को पद से हटाया गयाः-
- आलोक वर्मा पर एक केस में 2 करोड़ रुपए घूस लेने के आरोप लगे थे।
- आलोक पर आईआरसीटीसी केस में लालू यादव के परिसर में तलाशी नहीं लेने के आरोप भी लगे थे।
- आलोक वर्मा को इन आरोपों के संबंध में कमीशन के सामने जरूरी फाइल्स और दस्तावेज पेश करने को कहा गया था जो आलोक वर्मा ने नहीं किए।
- सीवीसी का आरोप है कि आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना केस और भी आरोपों के संबंधित केस संबंधित फाइल उपलब्ध नहीं कराई
- सीवीसी ने ये भी कहा है कि सीबीआई में आपातकाल जैसे हालात हैं। जिसका असर सीबीआई के बाकी अधिकारियों पर भी पड़ रहा है।
- इसके अलावा मोईन कुरैशी के केस में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने इससे संबंधित फाइल उपलब्ध नहीं कराई।
- कमीशन ने कहा कि सीबीआई की फाइल सार्वजनिक संपत्ति नहीं है लेकिन सक्षम अधिकारी इसे देख सकता है बावजूद इसके आलोक वर्मा ने इन आरोपों से संबंधित नहीं है।
सीवीसी की तरफ से आलोक वर्मा को इन आरोपों से संबंधित बार बार नोटिस भेजे गए। सीबीआई की तरफ से इसके लिए तारीख बढ़ाने की अपील भी की गई। सीवीसी ने इस मामले की तारीख भी बढ़ा दी। लेकिन आलोक वर्मा ने फिर भी सीवीसी की नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया।