अमेरिका में कोरोना वायरस की नई लहर के बीच भारी सख्ती बरती जा रही है जिसके चलते कोविड वैक्सीन पर अधिक से अधिक जोर दिया जा रहा है. बता दे की इस बीच खबर है कि बोस्टन शहर के एक अस्पताल ने एक मरीज का इसलिए हार्ट ट्रांसप्लांट करने से इनकार कर दिया, क्योंकि मरीज ने कोविड वैक्सीन लेने से मना कर दिया था. ऐसे में अमेरिका में नई बहस छिड़ गई है. और सवाल उठ रहा है कि क्या वैक्सीन लगवाना मरीज की जान बचाने से ज्यादा जरूरी है?
जानकारी के मुताबिक, अस्पताल ने अपने इस फैसले का बचाव किया है. जबकि मरीज के परिजनों ने इस पर हैरानी जताई है. उनका कहना है कि जब किसी की जान संकट में हो, तो पहले उसे बचाया जाना चाहिए, न कि टीके के लिए दबाव डाला जाना चाहिए.
परिवार के मुताबिक यह हमारे लिए कठिन समय है और यह एक मात्र राजनीतिक मसला नहीं है, बल्कि लोगों को विकल्प दिया जाना चाहिए. बता दें कि मरीज की मां टैसी फर्ग्यूसन ने जोर देकर कहा कि उनका बेटा टीकाकरण के खिलाफ नहीं है. उसने पूर्व दूसरे टीके भी लगवाए हैं
वहीं दूसरी ओर अस्पताल की एक प्रशिक्षित नर्स का कहना है कि मरीज में आर्टियल फिब्रिलेशन की समस्या है. इसमें मरीज की धड़कन अनियमित और अक्सर तेज हो जाती है. साथ ही नर्स ने कहा कि उसे कोरोना रोधी टीके के दुष्प्रभाव की भी जानकारी है. इस बीच ट्रैसी फर्ग्यूसन का कहना है कि अस्पताल के डॉक्टर को पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीका लगवाने के बाद मेरे बेटे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ तो नहीं जाएगी?
बता दें कि अस्पताल ने इस बहस में शामिल होने से इनकार कर दिया है, लेकिन उसने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया है कि कोविड -19 वैक्सीन किसी भी जटिल सर्जरी के लिए आवश्यक है. अमेरिका में किसी भी अंग के प्रत्यारोपण के लिए जरूरी टीकाकरणों में से यह एक है. इसमें फ्लू और हेपेटाइटिस बी के टीके शामिल हैं. इससे मरीज के जिंदा बचने की संभावनाएं बढ़ती हैं.