किसानों को बॉर्डर पर डटे हुए लगभग 45 दिन होने को आए है आज किसानों और सरकार की आठवें दौर की बातचीत होने जा रही है केंद्र सरकार लगातार किसानों को मनाने की जद्दोजहद में जुटी है। इस बीच विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमलावर है।
रविवार को किसान और केंद्र सरकार के बीच सांतवें दौर की बातचीत हुई थी जो कि बेनतीजा रही। आपको बता दें सरकार ने इससे पहले किसानों की 2 मांगों को मान लिया है। सातवे दौर की बातचीत में बची 2 मांगो पर चर्चा होनी थी जिसपर बात नही बन पाई। बातचीत से पहले गुरुवार को किसानों द्वारा ट्रेक्टर मार्च किया गया
किसानों ने किया ट्रैक्टर मार्च
गुरुवार को किसानों ने कई जगहों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला किसानों के मुताबिक यह एक ट्रेलर था। इस्की पिक्चर 26 जनवरी को रिलीज़ होगी। आज ट्रैक्टर मार्च हुआ जिसके चलते कई जगह जाम भी देखने को मिला किसान नेताओ का कहना है कि अगर सरकार से बातचीत बनीं तो 26 जनवरी को विजय रैली निकाली जाएगी और नही बनीं तो विरोध में रैली निकाली जाएगी किसानों ने कहा कि हम यह साबित करके दिखाएंगे की हम भी एक भारतवासी है।
आज बैठक में हो पायेगा फैसला?
आपको बता दें सरकार अबतक 2 मांगों को मान चुकी है। और 2 मांगों पर पेच फंसा हुआ है अब उम्मीद तो जताई जा रही है कि आज की बैठक में कुछ निर्णय जरूर होगा और यह बात सुलझेगी सोमवार को कृषि मंत्री द्वारा भी कहा गया कि हमे पूरा भरोसा है कि आज की बैठक में बातचीत जरूर बन जाएगी। आज दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में यह बैठक होनी है।
सरकार ने किन दो मांगो को माना
1.पहली मांग थी इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव जिस पर सहमति बन गयी है।
2.कमीशन फ़ॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सज़ा के प्रोविजन किसानों पर लागू नही होने चाहिए और उस पर भी सहमति बन गयी है।
इन दोनों मांगो पर फंसा है पेच
1.MSP पर कानूनी गारंटी
2. तीनो कानूनों को वापस लेने की संभावनाओ पर बात हो।