किसान संवाद कार्यक्रम को लोगों तक पहुंचाने के लिए देशभर में बीजेपी का कार्यक्रम कर रही है। केंद्रीय मंत्री, सांसद, पार्टी पदाधिकारी और विधायक आदि देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों से संवाद कर रहे हैं। वहीं किसान आंदोलन का आज 30वां दिन है। एक महीने से दिल्ली बॉर्डर पर किसान जमे हुए हैं लेकिन अब तक समधान नहीं हो सका है। अब एक बार फिर सरकार ने अपील की है कि किसान नेता बातचीत के लिए आगे की तारीख बताएं। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर अन्नदाता का आंदोलन जारी है और गुरूवार को सरकार ने एक और चिट्ठी लिखकर किसानों से बातचीत के लिए दिन और समय तय करने की अपील की। चिट्ठी में लिखा है कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है। सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज से जुड़ी कोई भी नई मांग जो नए कृषि कानूनों के दायरे से बाहर है, उसे बातचीत में शामिल करना तर्कसंगत नहीं होगा।
वहीं दूसरी ओर हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों से किसानों का दिल्ली पहुंचना जारी है। 26 दिसंबर को पंजाब के खनौरी और 27 दिसंबर को हरियाणा के डबवाली से 15-15 हजार किसान दिल्ली के लिए रवाना होंगे। प्रदर्शनकारी किसानों ने आज से कृषि कानून के विरोध में हरियाणा के टोल नाको को फ्री करने का भी ऐलान किया है।
किसान संगठनों की तरफ से उठाए गए कुछ मुद्दों का जवाब देते हुए सरकार ने एक और पत्र लिखा है। किसान संगठनों को इस बात पर एतराज है कि सरकार के 20 दिसंबर को भेजे पत्र में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। कृषि मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि तीन दिसंबर की वार्ता के दौरान जितने मुद्दे चिह्नित किए गए थे, उन सभी मुद्दों के संबंध में लिखित प्रस्ताव दिया गया था। फिर भी सरकार उन मुद्दों पर भी चर्चा करने को तैयार है, जो इन कानूनों से संबंधित रह गए होंगे।