2016 में कांग्रेस से बगावत कर आए हरक सिंह रावत को भाजपा ने पार्टी की सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया है।आपको बता दें कि उत्तराखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने हरक सिंह रावत को पार्टी और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की पुष्टि कर दी है।इस दौरान हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
आपको बता दें कि इस बार भाजपा के लिए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत किरकिरी का सबब बने हैं।वहीं नौ कांग्रेसी विधायकों के साथ हरक सिंह रावत 2016 में हरीश रावत का साथ छोड़ भाजपा में आने के कारण चर्चा में आए थे।भाजपा ने न सिर्फ उन्हें कोटद्वार से टिकट देकर उम्मीदवार बनाया बल्कि कैबिनेट मंत्री से भी नवाजा था।पूर्व मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके लगभग चार साल के कार्यकाल में हरक का छत्तीस का आंकड़ा बना रहा था।
बताया जा रहा है कि एक दो दिन के अंदर हरक सिंह को कांग्रेस में सदस्यता दी जा सकती है।लेकिन अब हरक की एंट्री कांग्रेस की शर्तों पर हो सकती है।खास बात तो यह है कि छह साल पहले 18 मार्च 2016 को हरक ने कांग्रेस से बगावत करते भाजपा को नया आशियाना बनाया था।अब भाजपा से निष्कासन के बाद अब लौटकर उन्हें कांग्रेस की शरण में आना पड़ रहा है।
पिछले काफी समय से हरक के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं थी।लेकिन हर बार सरकार और भाजपा संगठन के उनकी मांगों को मान लिए जाने की वजह से हरक खुद ही इन चर्चाओं को खारिज कर देते थे।लेकिन भाजपा से छुट्टी हो जाने से अब हरक के पास कांग्रेस के अलावा कोई दूसरी उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है।