राजस्थान के अलवर में कुछ दिनों पहले बुरी तरह जख्मी मिली मूक बधिर लड़की के पिता के आरोप से मामले में नया मोड़ आ गया है। खबरों के मुताबिक लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस उन पर दबाव डाल रही है कि वह यह मंजूर कर लें कि उनकी बेटी से दुष्कर्म नहीं हुआ, वह दुर्घटना में घायल हुई है। बता दे कि एक लड़की एक पुल के पास सिसकती मिली थी और उसके निजी अंगों के पास चोट के निशान थे।
राजस्थान में यह मामला बीते कई दिनों से गरमा रहा है। विपक्ष व लड़की के परिजन इसे दुष्कर्म बता रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर पुलिस व सत्तारूढ़ कांग्रेस नेता इससे इनकार कर रहे हैं। इस बीच सोमवार को पीड़िता के पिता के इस दावे से नए सिरे से बवाल मच सकता है। पीड़िता के पिता पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है और न्याय चाहते हैं।
पीड़िता के पिता ने अलवर में पत्रकारों से हुई चर्चा के दौरान कहा कि पुलिस हम पर इस बात के लिए दबाव डाल रही हैं कि हम स्वीकार कर लें कि वह एक दुर्घटना थी। हम डरे हुए हैं और सिर्फ न्याय चाहते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि जब बेटी को एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने कहा था कि यह दुष्कर्म का मामला लगता है। इसके बाद पीड़िता को जयपुर के जेके लोन अस्पताल भेज दिया गया था। जहां उसकी सर्जरी की गई।
पीड़िता के पिता का आरोप है कि अब पुलिस अधिकारी हमसे यह मंजूर करने के लिए दबाव डाल रहे हैं कि यह एक दुर्घटना थी। उन्होंने कहा हम पुलिस की कहानी से संतुष्ट नहीं हैं। हमें फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट भी अभी तक नहीं दी गई है।
इसके अलावा लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनसे कहा कि अगर इसे एक दुर्घटना का मामला मान लेते है तो उन्हें और पैसा दिया जाएगा।
बता दें कि लड़की के पिता के आरोपों पर जब इस अलवर के पुलिस अधीक्षक तेजवानी गौतम का जवाब जानने का प्रयत्न किया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। अलवर पुलिस ने शुरू में शक जाहिर किया था कि यह दुष्कर्म का केस हो सकता है, लेकिन बाद में एक मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से दुष्कर्म की आशंका से इनकार किया और कहा कि यह एक दुर्घटना है। वही इस मामले को लेकर विरोध बढ़ने पर राज्य सरकार ने जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंपने का निर्णय किया है।