सेंट्रल डेस्क दीपक खाम्ब्रा :- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख कीर्ति आजाद ने कहा है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. लेकिन सोनिया गांधी का जो भी आदेश होगा उसका वह पालन करेंगे, मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे से जुड़े सवाल पर आजाद ने कहा कि वह फिलहाल सोनिया गांधी की टीम के ‘सिपाही’ के रूप में कर्म करने में लगे हुए हैं.
बिहार के दिग्गज नेता कीर्ति आज़ाद दो दशक के बाद दिल्ली की राजनीति में वापसी कर रहे है, आज़ाद का कहना है की सोनिया जी के कहने पर मैनें इस जिम्मेदारी को सँभालने ला निर्णय लिया, क्योंकि मैं एक खिलाड़ी आदमी हूं, अनुशासन में रहने वाला हूं.आशा करता हूं, कि सोनिया जी ने मुझ पर जो विश्वास जताया है कि उस पर मैं खरा उतरूंगा, उन्होंने कहा, मैंने 25 साल भाजपा में सेवा की और जब भ्रष्टाचार उजागर किया तो निकाल दिया गया, कांग्रेस में मुझे मान-सम्मान दिया गया है अपने पिता के घर वापस आया हूं.
ऐसा माना जा रहा था की दिल्ली में विधानसभा चुनावों के देखते हुए पूर्वांचली वोटों पर निशाना साधने के लिए आज़ाद को मुख्यमंत्री का चेहरा बना के कांग्रेस ने दिल्ली की राजनीती मैं उतारा है. इस पर आज़ाद का कहना है ,इन सब चीजों के बारे में सोचता नही हूं,भगवान कृष्ण ने कहा था कि कर्म किए जा, फल की इच्छा मत रख, मैं टीम का सिपाही हूं, मेरी कप्तान सोनिया जो आदेश देंगी, वह मैं करूंगा. मैं आज की सोचता हूं जो कुछ होता है, वह पार्टी तय करती है, उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है और सभी नेता साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
साथ ही आजाद ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी पर पूर्वांचलियों की अनदेखी करने का आरोप लग्गते हुए कहा है की कांग्रेस ने इस वर्ग को हमेशा सम्मान दिया है. उन्होंने दावा किया. बीजेपी और आप दोनों खुद को पूर्वांचलियों का हितैषी बताते हैं और अगर वे हितैषी हैं तो सिर्फ वोट लेने के लिए हितैषी हैं.पूर्वांचली सम्मान के भूखे हैं, क्या अरविंद केजरीवाल का लाखों रुपये के इलाज वाला बयान उचित था? मनोज तिवारी अपने आका को खुश करने के लिए कहते हैं कि अपराध करने वाले 80 फीसदी बाहरी लोग हैं. वह पूर्वांचली होकर भी पूर्वांचलियों का अपमान करते हैं.
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