महाराष्ट्र इन दिनों लगातार खबरों में बना हुआ है।
जी हा, पहले तो सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या के कारण। फिर अब महाराष्ट्र सरकार के मंत्री संजय राउत की अभिनेत्री कंगना रनौत के लिए अभद्र टिप्पणी के कारण।
सुशांत की मौत : अनसुलझी पहेली
ये सुशांत कांड पहले 70 दिनों के तक मुंबई पुलिस की नाकामी के लिए रहा मशहूर हुआ । इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने भी साबित किया कि जनता के प्रति जवाबदेही से ज़्यादा महत्वपूर्ण है राजनीति। ऐसे में सरकार का अजीब और संवेदनहीन रवैए को खुले तौर पर दिखाता रहा। बाद में बिहार पुलिस और CBI के हाथों होता हुआ ED और NCB के पास पहुँचा। NCB की गहन जाँच के बाद मुख्य आरोपी Rhea Chakravarty की गिरफ़्तारी के बाद थमते दिख रहे मुद्दे में संजय राउत कूद पड़े।
संजय ने मारी Entry
सरकार में मंत्री और शिवसेना के मुखपत्र “सामना” के सम्पादक राउत ने अपनी बेलगाम ज़ुबान से मुद्दे को तूल तो दिया ही साथ में उद्धव सरकार के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी।
हुआ ये की संजय राउट ने एक चैनल को दिए अपने इंटर्व्यू में कंगना रनौत लिए अपशब्द (ह₹।म@खो₹) का प्रयोग किया। हालाँकि बाद में उन्होंने कहा ये शब्द उन्होंने अंग्रेज़ी शब्द “naughty” के लिए किया था । इसपर संजय राउत ट्विटर पर काफ़ी ट्रोल भी किए गए।
लेकिन तब तक बात कंगना तक पहुँच चुकी थी और कंगना ने संजय को आड़े हाथों लेते हुए खरी खरी सुना दी। इसपर तिलमिलाए संजय राउत ने मुंबई ना आने की धमकी दे दी।
संजय जी मुझे अभिव्यक्ति की पूरी आज़ादी है
मुझे अपने देश में कहीं भी जाने की आज़ादी है ।
मैं आज़ाद हूँ । pic.twitter.com/773n8XDESI— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 6, 2020
इस पर बुरी तरह भड़की कंगना ने ट्वीट किया कि वो 9 सीतंबर को मुंबई पहुचेंगी। आनन फ़ानन में BMC हरकत में आयी और कंगना रनौत के 1 साल से लंबित मामले पर कार्रवाही करते हुए कंगना का दफ़्तर तोड़ दिया।
बाद में ताबड़तोड़ ट्वीट करते हुए महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे को भी लपेटे में ले लिया।
तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हें दौलत तो दे सकते हैं मगर सम्मान तुम्हें खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुँह बंद करोगे मगर मेरी आवाज़ मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुँह बंद करोगे? कितनी आवाज़ें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हों सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना हो।
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 10, 2020
पत्रकारों को किया गिरफ़्तार
उधर महाराष्ट्र पोलिस ने सुशांत केस में मिली बदनामी के बाद अब एक चैनल के दो पत्रकारों को गिरफ़्तार कर लिया। बाद में खबर आयी की उन पत्रकारों के फ़ोन भी पोलिस ने छीन लिए और वकीलों से भी बात करवाने से मना कर दिया।सुशांत केस के बाद, मुंबई पुलिस का यह रवैया निराशाजनक है।
ख़ैर मुद्दे ने सुशांत के मौत से इतर राजनीति का रूप ले लिया है। इसी संजय राउत ने अपने आप को कंगना के दफ़्तर में हयी तोड़फोड़ से खुद को अलग कर लिया है।
मुख्यमंत्री हैं मौन
इन सब के बीच CM उद्धव का मौन संजय राउट और BMC को मौन स्वीकृति के तौर पर देखा जा रहा है। गौर तलब है की पालघर कांड में भी उद्धव ने कुछ इसी तरह का मौन अपनाया था जो अंत में बिना किसी ठोस जाँच के ठंडे बस्ते में चला गया। ऐसे में उद्धव को महाराष्ट्र का धृतराष्ट्र ना कहें तो क्या कहें ?!
संजय विवादों के साथी
इससे पहले भी घिर चुके हैं विवादों में:
I have not insulted doctors. The way they are serving is commendable. My remark was in reference to WHO, wherein I meant that #COVID19 pandemic had not taken place, if WHO had worked efficiently: Shiv Sena’s Sanjay Raut on his remark, ‘compounders know more than doctors’ pic.twitter.com/tZ5X5UOMwx
— ANI (@ANI) August 18, 2020