मुंबई के पूर्व पुलिस कमिशनर परमबीर सिंह का लेटर बम महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में जमकर हड़कंप मचा रहा है। महाराष्ट्र की राजनीति में सरगर्मी बढ़ने के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले पर अपनी पार्टी का पक्ष रखा है। शरद पवार ने कहा कि परमबीर सिंह की चिट्ठी में सिर्फ आरोप लगाए गए हैं। उसमें ये नहीं बताया गया कि पैसा कहां गया। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री को जांच पर फैसला लेने का पूरा अधिकार है और ये भी साफ कर दिया कि सचिन वाझे की नियुक्ति खुद परमबीर सिंह ने ही की थी।
वहीं इस मामले में बीजेपी ने एक बार फिर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधते हुए कहा कि एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल है कि 100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?
दरअसल परमबीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सनसनीखेज और गंभीर आरोप लगाए हैं। परमबीर सिंह ने कहा कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को अपने पास बुलाकर हर महीने होटल, रेस्तरां, बीयर बार और दूसरी जगहों से 100 करोड़ रुपये की उगाही करने की डिमांड की थी। इन आरोपों के बाद से ही महाराष्ट्र सरकार में शामिल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल भी अनिल देशमुख का इस्तीफा मांग रहे हैं।