बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपनी अपनी रणनीति को धारदार बनाने और हरसंभव तरीके से प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं। पहले चरण की 71 सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है और अब प्रचार प्रसार का काम बड़ी तेजी के साथ किया जा रहा है। सभी दल अपने वोटर्स तक पहुंच बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। वहीं जेडीयू और बीजेपी ने भी साझा चुनाव प्रचार की कार्ययोजना तैयार कर ली है। एनडीए ने प्रचार का जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है उसमें सबसे अहम है पीएम नरेंद्र मोदी की बिहार में रैली। जेडीयू की तरफ से दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार की एक साथ रैली की तैयारी पूरी की जा चुकी है। और खबर है कि जल्द ही इस रैली को लेकर ऐलान भी कर दिया जाएगा। खबरें है कि दोनों दलों ने योजना तैयार कर रणनीति साफ कर ली है कि दोनों नेता बिहार में कहां-कहां और कब एक साथ मंच साझा करेंगे।
खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 12 साझा रैलियों का कार्यक्रम तैयार किया गया है। पार्टी की रणनीति तैयार कर रहे दिग्गज नेता एनडीए उम्मीदवारों की एक-एक सीट पर जीत तय करने के लिए दोनों दिग्गज नेताओं की एक साथ रैली और प्रचार कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हो सका कि दोनों नेताओं की साझा रैलियां कब और कहां-कहां होने वाली हैं।
दरअसल बीजेपी के खेमे से खबर है कि प्रधानमंत्री की रैलियों के कार्यक्रम को लेकर अंतिम रूप दिया जा रहा है। बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और चुनाव प्रभारी देवेंद्र फड़नवीस इसे लेकर कार्यक्रम को फाइनल करने में लगे हैं। दरअसल बीजेपी अपने सबसे दिग्गज और समर्थकों के चहेते नेता की इमेज को बिहार चुनाव में पूरी तरह से भुनाना चाहती है। 2015 के विधानसभा चुनावों की तरह इस बार भी ब्रांड मोदी के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की कोशिश की जा रही है। दरअसल बीजेपी नेताओं का प्लान है कि पीएम मोदी से बिहार चुनाव के लिए ज्यादा से ज्यादा रैलियां करवाई जाएं। वहीं 11 अक्टूबर से बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गया से चुनावी रैली की शुरूआत कर दी है।