राजनीति में कुछ भी संभव है। ऊंट किस करवट बैठेगा, यह किसी को नहीं पता, सोमवार को ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के जांजगीर की खरौद नगर पंचायत में भी देखने को मिला। बता दे की पंचायत अध्यक्ष कांति कुमार केशरवानी के खिलाफ कांग्रेस पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, लेकिन मतदान के दौरान वह ध्वस्त हो गया। अध्यक्ष के विरोध में 9 वोट पड़े, जबकि उन्हें सिर्फ 6 मिले, इसके बावजूद नियमानुसार उनकी कुर्सी बच गई। खास बात यह है कि अध्यक्ष भी कांग्रेस से ही हैं।
जानकारी के मुताबिक नगर पंचायत खरौद के अध्यक्ष कांति कुमार केशरवानी के खिलाफ पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया था। जिसके बाद उनके खिलाफ कांग्रेस सहित BJP, निर्दलीय और शिवसेना के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। और अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार तथा मनमानी का आरोप लगाया था। 15 पार्षदों वाली पंचायत में सोमवार को मतदान हुआ। बता दें कि इससे पहले ही पार्षदों की लुका-छिपी का खेल शुरू हो गया। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाएगा
बता दें कि पार्षदों को अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक तिहाई बहुमत चाहिए था। जब अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कलेक्टर से मांग की थी, तब 14 पार्षद साथ थे। ऐसे में मतदान के दिन सोमवार को कम से कम 10 वोट चाहिए था। वही विपक्ष को पूरा भरोसा था कि अध्यक्ष की कुर्सी चली जाएगी। उन्हें 9 वोट मिल चुके थे, पर गिनती पूरी हुई तो अध्यक्ष को 6 वोट मिल चुके थे। अविश्वास प्रस्ताव गिर चुका था। जीत के बाद अध्यक्ष कांती कुमार केशरवानी ने कहा, सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।
जनवरी माह में ही नगरीय निकाय के अध्यक्षों के कार्यकाल को दो साल पूरे हुए हैं। नगर पंचायत खरौद में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। यहां कांग्रेस और भाजपा के 5-5, 3 निर्दलीय व शिव सेना के समर्थित 2 पार्षद निर्वाचित हुए हैं। जिनमें से नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए कांग्रेस ने कांति कुमार केशरवानी को मनोनीत किया था। इसके बाद शुरुआत से ही कांग्रेस पार्षदों ने अपने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
पार्षदों ने जब कलेक्टर से अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी, तब निधि के दुरुपयोग का आरोप अध्यक्ष पर लगाया था। और कहा गया था कि हमसे हमारे वार्ड में कार्य करने के लिए भी अध्यक्ष पैसे मांगते हैं। जिसकी वजह से हम इलाके में काम नहीं करवा पा रहे। उन्होंने कहा क्षेत्र में पानी की समस्या है। इसके लिए भी कई बार कह चुके हैं। लेकिन अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया है।