सेंट्रल डेस्क सिमरन गुप्ता:- केंद्र शासित प्रदेश जम्मू–कश्मीर के साढ़े चार लाख मुलाजिमों को केंद्र की तर्ज पर मेडिकल भत्ते के लिए अभी और इंतजार करना होगा।प्रदेश में मेडिकल पॉलिसी के अभाव में उन्हें इस भत्ते की ज्यादा जरूरत है। इसके साथ ही एलटीसी सुविधा भी फिलहाल नहीं मिल रहीहै। प्रशासन से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में इन दोनों सुविधाओं का ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा। प्रदेश केकर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग का लाभ पहले से ही लागू था, लेकिन शिक्षा भत्ता, चिकित्सा भत्ता, एलटीसी, हॉस्टल भत्ता, ट्रांसपोर्ट भत्ता आदि का लाभ केंद्रीय कर्मियों की तरह नहीं मिल पा रहा था। केंद्र सरकार ने जम्मू–कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने केबाद 31 अक्तूबर से सभी मुलाजिमों को केंद्रीय कर्मियों की तरह भत्ते की घोषणा की थी।
इसके लिए 4800 करोड़ रुपये मंजूर भी किए गए। तब से कर्मचारी भत्तों के आदेश का इंतजार कर रहे थे कि गुरुवार को कई भत्तों काआदेश जारी कर दिया गया।
केंद्रीय कर्मियों की तरह मिले हेल्थ स्कीम का लाभ
कर्मचारी संगठनों की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों की तरह ही हेल्थ स्कीम लागू करने की मांग की जा रही है। जम्मू–कश्मीर सिविलसेक्रेटिएट नॉन गजटेड कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोहम्मद रउफ का कहना है कि पेंशनरों को मौजूदा समय में 300 रुपये मेडिकलअलाउंस मिलता है। इसे बढ़ाकर एक हजार रुपये किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही कर्मचारियों को सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) का लाभ दिया जाना चाहिए। कर्मचारियों के पास मौजूदासमय में किसी प्रकार की मेडिक्लेम की सुविधा नहीं है। हिल अलाउंस भी दिया जाना चाहिए।
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