कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने अब सरकार को इन कानूनों को वापस लेने के लिए अल्टीमेटम दे दिया है. टिकैत ने शनिवार को दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया और कहा कि हम सरकार के साथ किसी दबाव में बातचीत नहीं करेंगे, जब प्लैटफॉर्म बराबरी का होगा, तब बातचीत होगी.
देश के राज्यों में आज किसानों ने चक्का जाम किया जिसके बाद टिकैत ने कहा कि ‘हमने कानून वापस लेने के लिए सरकार को 2 अक्टूबर तक का टाइम दिया. अगर सरकार नहीं मानी तो अगले आंदोलन म जिसका बच्चा फौज -पुलिस में होगा, उसका परिवार यहां रहेगा और उसका पिता उसकी तस्वीर लेकर यहां पर बैठेगा. ऐसा कब करना है सबको बता दिया जाएगा.
टिकैत ने आगे ये भी कहा कि, ‘या तो सरकार बिल वापस ले ले, एमएमसपी पर कानून बना दे, नहीं तो हम आंदोलन करते हुए पूरे देश में यात्रा करेंगे. हमारा गैर राजनीतिक आंदोलन पूरे देश में होगा. फिर में यह मत कहिएगा कि कैसा आंदोलन है.
वहीं टिकैत ने जमकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि, ‘तिरंगे को हम मानते हैं, हमारे बच्चों की शहादत तिरंगे में होती है, गांव में इसमें लिपटे आते हैं. तिरंगे का अपमान सहन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए कील बोएंगे, हम अनाज बोएंगे.
अपने संबोधन के आखिर में उन्होंने कहा कि,हम सरकार से बात करने को तैयार है लेकिन इसमें कोई शर्त नहीं होनी चाहिए.अगर प्लैटफॉर्म बराबर होगा, तो हम बात करेंगे. बताते चलें कि किसानों ने आज 3 घंटे के चक्का जाम का ऐलान किया था, इसके तहत दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किसानों ने देशभर में हाइवे को जाम किया.