सेंट्रल डेस्क आयुषी गर्ग:- यूटी (यूनियन टेरिटरी) बनने पर जम्मू-कश्मीर में स्कूली स्तर पर अब शिक्षा में सुधार देखने को मिलेगा। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां पर राइट टू एजुकेशन (आरटीई) एक्ट लागू किया जाएगा। 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को अपने पड़ोस के स्कूलों में मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिलेगा।
यह कानून हर एक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा का अधिकार प्राप्त हो इसके लिए काम करता है। इसके लिए बच्चे को या उनके अभिभावकों से प्राथमिक शिक्षा हासिल करने के लिए कोई भी स्कूल की फीस या यूनिफार्म, पाठ्य-पुस्तकें, मध्याह्न-भोजन, परिवहन शुल्क नहीं लिया जाएगा।
निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें होंगी आरक्षित
इसमें सभी निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटें उन विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होंगी जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं। प्राइवेट स्कूलों को 6-14 वर्ष की उम्र वाले 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर वसूली गई फीस से 10 गुना अधिक जुर्माना और स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकती है।
5वीं या 8वीं कक्षा में फेल होने पर फिर से दे पाएंगे परीक्षा
इस नए विधेयक में स्कूलों में नो डिटेंशन की नीति को समाप्त करने के लिए संशोधन किया गया है। वर्तमान प्रावधान के अनुसार 8वीं कक्षा तक किसी भी छात्र को अनुत्तीर्ण नहीं किया जा सकता है। अगर कोई बच्चा कक्षा 5वीं या 8वीं में फेल हो जाता है तो दो माह के भीतर पुन: परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। फेल हुए बच्चों के बेहतर प्रदर्शन के लिए दो माह तक विशेष शिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
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