पुलिस की छवि पर वक्त वक्त पर सवाल उठते रहते हैं। खासकर पुलिसवालों के व्यवहार और कार्यप्रणाली कई बार सवालों के घेरे में आती रहती हैं। लेकिन कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं जो ना सिर्फ अपने फर्ज को संजीदा तरीके से निभाते हैं बल्कि उनकी जिम्मेदारी में संवेदनाएं भी छिपी होती हैं। ऐसा ही कुछ कहानी है दिल्ली पुलिस की महिला पुलिसकर्मी सीमा ढाका की…। सीमा ढाका का नाम इन दिनों उनके शानदार काम की वजह से चर्चा है। दरअसल सीमा ढाका दिल्ली पुलिस में तैनात महिला हेड कॉन्स्टेबल सीमा ढाका ने अपनी सूझबूझ और लगन से पिछले तीन महीनों में 76 लापता बच्चों की ना सिर्फ तलाश की बल्कि उनको उनके परिवारों तक पहुंचाया है। सीमा की इस कामयाबी के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देते हुए एएसआई बनाया गया है।
दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा ढाका ने जिन 76 बच्चों को ढूंढा है उनमें 56 की उम्र 14 साल से भी कम है। पेशे से किसान पिता की बेटी सीमा की ससुराल शामली कस्बे में है। दिल्ली के करीब बसे कस्बे बड़ौत की रहने वाली सीमा ढाका के पति भी दिल्ली पुलिस में ही हेड कॉन्स्टेबल हैं। हालांकि सीमा शुरुआत में एक शिक्षक बनना चाहती थी लेकिन किस्मत उन्हें दिल्ली पुलिस में लेकर आ गई। खैर अपने जज्बे और सूझबूझ के जरिए आज सीमा ने ना सिर्फ अपनी पहचान कायम की है बल्कि 76 परिवारों में खुशियों की वजह भी बनीं हैं। सीमा साल 2006 से दिल्ली पुलिस में काम कर रही हैं। सीमा ढाका की कामयाबी का ये किस्सा ना सिर्फ खबरों में हैं बल्कि उनके परिवार में भी खुशी का माहौल है और लोग आज उनपर गर्व कर रहे हैं।
सुनीता खुद एक 8 साल के बच्चे की मां हैं। लापता बच्चों की तलाश करने वाले सेल में नियुक्ति के लिए सीमा ने वॉलंटियर किया था। अधिकारियों ने भी सीमा के जज्बे पर भरोसा जताया और नतीजा सामने है। सीमा ने ना सिर्फ उम्मीद से बढ़कर काम किया है बल्कि कई भटके बच्चों को घर तक पहुंचाया है। सीमा ने बच्चों की तलाश में ना सिर्फ दिनरात एक किए बल्कि पश्चिम बंगाल के दूर दराज इलाकों से लेकर कई राज्यों के बीयाबान को छाना है।
समयपुर बादली पुलिस स्टेशन में तैनात सीमा के गुडवर्क को कंसीडर करते हुए खुद दिल्ली पुलिस कमिश्नर एनएन श्रीवास्तव ने आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की है। सीमा ढाका को इन्सेंटिव स्कीम के तहत प्रमोशन मिला है। खास बात ये कि इस स्कीम के तहत सीमा आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने वाली दिल्ली पुलिस की पहली कर्मचारी बन गई हैं।