शिवहर से मोहम्मद हसनैन- शिवहर:महिला विकास निगम समाज कल्याण विभाग बिहार सरकार के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी मोहम्मद अफाक अहमद के द्वारा बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन हेतु अनुमंडल स्तर पर धर्म गुरुओं के साथ संवेदी करण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्धघाटन अपर समाहर्ता शंभू शरण, अनुमंडल पदाधिकारी मोहम्मद अफाक अहमद,मुफ्ती हज़रत फखरुद्दीन साहब कासमी ,मौलाना शाजिद इकबाल साहब कासमी, पूर्व जिला पार्षद अजब लाल चौधरी, सुकन्या क्लब के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह एवं विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं के द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
उक्त अवसर पर अपर समाहर्ता शंभू शरण ने कहा है कि बाल विवाह एवं दहेज समाज के लिए अभिशाप है, जिन बच्चियों को हम जन्म देकर 20 साल तक अपने घर पालते हैं पोसते हैं उन कलेजा के टुकड़ा को हम सहज रूप से दे देते हैं इसके बाद भी दहेज की मांग बहुत ही दायक है इससे समाज का विकास नहीं हो सकता।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे अनुमंडल पदाधिकारी मोहम्मद अफाक अहमद ने भी दहेज एवं बाल विवाह समाज का कोढ बताया है, समाज तब तक विकसित नहीं होगा तब तक बाल विवाह एवं दहेज प्रथा खत्म नहीं हो जाती इसलिए उन्होंने बच्चियों से आग्रह भी किया है कि आप लोग भी बाल विवाह न करें और ना ही दहेज लेने वालों के यहां शादी करें तभी दहेज लोभी एवं बाल विवाह करने वालों को एक करारा झटका लगेगा,
कार्यक्रम में शिवहर जिला के डुमरी मदरसा से उलमा एकराम हजरत मौलाना मुफ्ती फखरुद्दीन साहब ,डुमरी मदरसा मौलाना सेराजुल हक साहब कासमी,हजरत मौलाना साजिद इकबाल साहब कासमी,डुमरी कटसरी शिवहर, राजलक्ष्मी सेवा संस्थान के पंडित वेद प्रकाश शास्त्री, इमाम जामा मस्जिद शिवहर के मोहम्मद इस्लाम कादरी, क्रिश्चियन सोसाइटी सेवक पिंटू फ्रेट्रिक, समाजसेवी अजब लाल चौधरी पुरनहिया मठ के हाफिज मोहम्मद शमशाद रजा ,खैरा दर्प के समाजसेवी अवधेश मिश्रा, शिक्षक उच्च विद्यालय फतहपुर के नदीम उजमा, संस्कृत शिक्षिका डॉ ज्योति कुमारी सहित तकरीबन एक दर्जन धर्मगुरु के द्वारा समाज के दो कुरूतियो बाल विवाह एवं दहेज प्रथा पर प्रकाश डाला है।
उक्त अवसर पर मुफ्ती मोहम्मद फखरुद्दीन साहब ने कहा है कि बाल विवाह और दहेज प्रथा को हटा कर ही हम समाज को विकसित कर सकते हैं दहेज लेना और देना इस्लाम में दोनों हराम है। उक्त अवसर पर कई विद्यालयों के स्कूली बच्चीयो को भी सम्मानित किया जा रहा है।