एक सभ्य समाज के किसी भी वर्ग का कोई भी उत्पीड़न चाहे वह मानसिक हो शारीरिक, आर्थिक हो या सामाजिक सर्वथा अवांछनीय है। लेकिन, भारत में महिलाओं के उत्पीड़न की घटनायें अक्सर अख़बारों और टीवी चैनल की सुर्ख़ियाँ बनती हैं। स्थिति और भी अधिक गंभीर और शर्मनाक हो जाती है …
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