बीते कुछ समय से मूसलाधार बारिश की चपेट में देश के कई राज्य आ गए हैं। बारिश के इस तांडव का एक विकराल रूप यमुना नदी (Yamuna River) और उसके आसपास के इलाकों को देखना पड़ रहा है। बता दें कि सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग (Irrigation and Flood Control Department) के अधिकारियों ने इस पर जानकारी देते हुए बताया है कि स्थिति पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है। बीते मंगलवार शाम सात बजे पानी का स्तर 205.03 मीटर तक पहुंच गया था। लेकिन रात 10 बजे के बाद यह खतरे के निशान को पार कर गया।
देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) एक बार फिर बाढ़ की चपेट में आती दिख रही है। स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। बताते चलें कि पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में कुछ दिन से हो रही अंधाधुंध बारिश से दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में हो रही अत्यधिक बारिश के कारण हरियाणा में स्थित हथनी कुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार रात दस बजे यह पुराना लोहा पुल के पास खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर पहुंच गया था। ज्ञात हो कि उन्नीस जुलाई के बाद यह पहली बार था जब यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा।
आपको बता दें कि बुधवार सुबह छह बजे तक यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी लेकिन सात बजे यह खतरे के निशान से नीचे आ गई है। सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग (Irrigation and Flood Control Department) के अधिकारियों ने बताया है कि इन हालातों का कारण हथनीकुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा जाना है। बीते तेरह जुलाई को दिल्ली में यमुना का जलस्तर रिकार्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था। ऐसे में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इससे यमुना के आसपास के इलाकों में कई दिनों तक आम जनजीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा था।
अब एक बार फिर स्थिति बिगड़ती दिख रही है। इस पूरे मामले में सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है। पिछले माह की तरह स्थिति गंभीर होने की संभावना नहीं है, लेकिन कोई कोताही नहीं बरती जा रही। हर स्तर पर सतर्कता बनी हुई है।
By: मीनाक्षी पंत