हो सकता यह खबर आपके के लिए आपकी सक्षम सोच से थोड़ा परे हो , लेकिन यह सच है कि पृथ्वी दुनियाभर के जीवों को जीने और रहने के लिए भगवान् के द्वारा वरदान में मिली है। और सम्पूर्ण प्रकृति प्रत्येक जीव के लिए रहने का बराबर का हिस्सा है। तब क्यों हम प्रकृति के प्रति व्यक्तिगत अधिकार समझकर अपना असंवेदनशील होते जा रहे है।
थाईलैंड में प्लास्टिक खाने से बीमार पड़ी बेबी डुगोंग की मौत हो गई। बिमारी से उबरने में जुझारू जज्बे ने लोगो के दिल जीत लिए थे और समुद्र संरक्षण पर प्रकाश डाला। मरियम नाम की डुगोंग कुछ महीने पहले दक्षिण पश्चिमी थाईलैंड के तट पर बहकर आयी थी और उसकी बचावकर्ताओं के लिपट जाने की तस्वीर दुनियाभर में वायरल हुई थी। डुगोंग एक माध्यम आकार का स्तनधारी प्राणी है जो विश्व के कई भागो में समुद्र तटीय क्षेत्रो में पाया जाता है। त्रांग प्रांत के समुद्री पार्क के प्रमुख चैयाप्रुक वेरावॉन्ग बताया कि मरियम को बचाने की काफी कोशिश की गई लेकिन उसकी आधी रात में मौत हो गई। उन्होंने बताया की उसकी मौत का कारण खून में संक्रमण और पेट में पीप भर जाने से मौत हो गई।
उन्होंने ये भी बताया उसकी आंत में प्लास्टिक का कचरा भी निकला था। वंहा के एक पशु चिकत्सक ने फेसबुक पर पोस्ट किया। उसने हमें सिखाया कि प्यार कैसे किया जाता है और फिर चली गई जैसे कि कह रही हो सबको बताओ हमारी देखभाल करे और उसकी प्रजाति को बचाओ।’’ समुद्री और तटीय संसाधन विभाग के फेसबुक पेज पर भी मरियम की मौत की घोषणा की गई है। यह घटना मानवता पर हज़ारो सवाल खड़े करती है। अगर आपसे पूछा जाए आपकी भौतिक सुविधाओं के उपयोग में प्रकृति के तमाम जीवो लिए मौत का कारण बन रहे है। तब आप क्या जवाब देंगे। एडवांस tacnology से निकलने वाले रेडिएशन से रोज़ हज़ारो पक्षी मर जाते है। नदियों का पानी दूषित हो चुका है। जो परिस्थितिया हमने प्रकृति के लिए बनाई है क्या हम उन्हें फिर से बेहतर बना पाएंगे।
WRITTEN BY- RISHU TOMAR