पिछले कई दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. कई दिन से जारी इन प्रदर्शनों के बावजूद किसानों और सरकार के बीच इसे लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है. वहीं मामले को लेकर हाल ही में हुई सरकार और किसानों की बातचीत से भी इस परेशानी का कोई हल नहीं निकल पाया है.
बता दें कि बीते बुधवार को सरकार और किसानों के बीच लगभग पांच घंटे तक वार्ता चली, जिसमें बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड जैसे मुद्दों को दोनों के बीच कुछ सहमति बनी.बता दें कि प्रदर्शन कर रहे ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं. जो दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
वहीं वरिष्ठ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा आगे की कार्रवाई के लिए शुक्रवार होने वाली बैठक में चर्चा करेंगे. लेकिन उन्होंने ये साप कर दिया है कि वो लोग एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कृषि कानूनों को रद्द करवाने की अपनी मांगों पर टिके रहेंगे. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि चढूनी ने कहा, ‘सरकार ने पराली जलाने से संबंधित अध्यादेश में किसानों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों को हटाने और बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन को रोकने की हमारी मांगों का निपटान कर दिया है.’उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारी दो शेष मांगों का कोई विकल्प नहीं है, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी शामिल है.’
बता दें कि बुधवार को किसानों और सरकार के बीच हुई इस मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल और मंत्री सोम प्रकाश मौजूद रहे थें. इन सभी मंत्रियों ने किसानों के 41 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की थी.