पति ने अपने मोबाइल से पत्नी के मोबाइल पर व्हाट्सऐप कॉल की और ‘तलाक तलाक तलाक’ कह दिया। इन तीन शब्दों ने राबिया (बदला नाम) की चार साल पुरानी गृहस्थी को तबाह कर दिया। उसने इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस से की, लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। सरकार के तीन तलाक को अपराध बनाने की गुहार करने पर भी पुलिस नहीं पसीजी तो राबिया ने अदालत में अर्जी दायर कर पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई है।
कड़कडड़ूमा जिला अदालत की महानगर दंडाधिकारी ऋचा मनचंदा ने राबिया की शिकायत पर दयालपुर पुलिस को नोटिस जारी कर 11 सितंबर को कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) पेश करने का निर्देश दिया है। राबिया की शिकायत पर बहस करते हुए अधिवक्ता डीडी पांडेय ने कहा कि सरकार तीन तलाक पर कानून पारित कर उसे अपराध बना चुकी है, लेकिन फिर भी यह कुप्रथा रुकी नहीं है। उनकी मुवक्किल को उसके पति ने 14 अगस्त को तीन तलाक दिया और इसके बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
https://www.youtube.com/watch?v=49Nm3OknPjM
पीड़िता ने उसी दिन स्थानीय थाने और 17 अगस्त को पुलिस उपायुक्त को शिकायत दी थी, लेकिन उसे राहत नहीं मिली। इसलिए उसकी शिकायत पर पुलिस को फौरन एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाए। पेश शिकायत में कहा गया है कि करावल नगर निवासी राबिया का निकाह 2015 में मुस्तफाबाद निवासी व्यक्ति से हुआ था। उसी समय पति ने राबिया से कह दिया था कि वह उसे पसंद नहीं करता और किसी अन्य महिला से प्रेम करता है। वह उसी से शादी करेगा। इसके अलावा, पति व ससुराल वाले अतिरिक्त दहेज में कार लाने के लिए प्रताड़ित करते रहे।
उसकी शिकायत पर दयालपुर थाना पुलिस ने पति और ससुराल वालों पर दहेज का केस दर्ज किया था। राबिया ने कहा कि शादी के एक साल बाद उनके यहां बेटा हुआ, लेकिन फिर भी उसे दहेज के लिए ताने मिलते रहे और मारपीट होती रही। वह गृहस्थी को बचाने के लिए सब सहती रही। पति ने उससे जनवरी और जून 2017 में मारपीट की। दोनों के बीच संबंध तनावपूर्ण थे।
https://www.youtube.com/watch?v=J30Xb7__sX0