सेन्ट्रल डेस्क,दीपक खाम्बरा- गुजरात के पुर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला राष्ट्रवादी कांग्रस पार्टी(NCP) में शामिल हो गए है। मंगलवार के दिन एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने उन्हे विधिवत रुप से पार्टी की सदस्यता दिलाई है। व साथ ही वाघेला को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव की भी जिम्मेदारी दी गई है। इस अवसर पर शरद पवार ने कहा की पिछले 2 महीने से हमारी बात चल रही थी और आखिरकार शंकर सिंह वाघेला पार्टी में शामिल हो गये है यह हमारे लिए हर्ष का विषय है।
NEWS 10 INDIA की लेटेस्ट खबरें और अपडेट्स जानने के लिए आप हमारे FACEBOOK पेज को लाइक करना ना भूलें। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें ।
साथ ही पवार ने कहा की आने वाले 2019 लोकसभा चुनाव में हमें वाघेला का मजबुत समर्थन मिलेगा और गुजरात की अधिक जिम्मेदारी के साथ-साथ राष्ट्रीय महासचिव की भी जिम्मेदारी निर्वाह करने के साथ गैर बीजेपी दलों को भी गठबंधन के लिए साथ लाने का प्रयास करेंगे। वहीं शंकर सिंह वाघेला ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की आज देश एक डर का डर का माहोल है।
NEWS 10 INDIA की खबरों को और अधिक विस्तार से जानने के लिए अब आप हमें Twitter पर भी फॉलो कर सकते है । क्लिक करें नीचे दिए लिंक पर ।
संसद, लोकसभा, राज्यसभा, रिजर्व बैंक, चुनाव आयोग, सीबीआई, सीवीसी, सीएजी जैसी संवैधानिक संस्थानों को चुप करा दिया गया है। मुझे लगा कि ऐसे समय में निष्क्रिय रहना ठीक नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा, आज लोग वर्तमान सरकार से नाराज हैं। वर्तमान सरकार भ्रष्ट है। 56 इंच के सीने का दावा करने वाले व्यक्ति ने कई झूठ बोले हैं। लोकतंत्र को बचाने के लिए मैंने एनसीपी में शामिल होने का निर्णय लिया है।
शंकर सिंह वाघेला गुजरात के कद्दावर नेता हैं। उन्हों बीजेपी के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। लेकिन 1995 में गुजरात में जब बीजेपी को सत्ता मिली थी तो वाघेला के बजाय केशुभाई पटेल को बीजेपी ने राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। जिसके बाद वह पार्टी से अलग हो गए थे। 1996 में वाघेला ने अपना नया राजनितिक दल राष्ट्रीय जनता पार्टी का गठन किया था और कांग्रेस के समर्थन से गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
2002 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और 2017 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर काम किया। यूपीए सरकार के दौरान वाघेला केंद्रीय कपड़ा मंत्री भी रहे। 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता अहमद पटेल को हराने के लिए विधायकों को दल-बदल कराने के आरोप के कारण उन्हे कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। लेकिन अब एनसीपी में शामिल हो कर किस प्रकार वाघेला अपना खोया हुआ राजनितिक वर्चस्व हासिल करते है।