3 agust 6:41am
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पेगासस मामले की जाँच की मांग की है।. ऐसी मांग करने वाले वो बीजेपी की किसी सहयोगी पार्टी के पहले नेता हैं.
आज पटना में पेगासस मामले की जाँच जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) या सुप्रीम कोर्ट से कराए जाने की मांग के संबंध में नीतीश कुमार ने कहा, “बिलकुल होना चाहिए. टेलीफोन टैपिंग की बात इतने दिनों से आ रही है. इस पर ज़रूरत बात हो जानी चाहिए.”
उन्होंने कहा कि इन सब चीज़ों पर पूरे तौर से एक-एक बात को देखकर उचित कदम उठाना चाहिए.
उन्होंने कहा,” जो कुछ भी है, उसकी पूरे तौर पर जांच करके… किसी को किस तरह से फोन को लोग अपने ढंग से सुन रहे हैं या कुछ भी कर रहे हैं या उस पर कब्ज़ा कर रहे हैं या क्या कर रहे हैं, ये पूरी बात आनी चाहिए.
“इतने दिनों से जब लोग लगातार बोल रहे हैं, तो इसके बारे में निश्चित रूप से मेरी समझ से जांच कर लेनी चाहिए ताकि जो भी सच्चाई हो, वो सामने आ जाए और कभी भी कोई किसी को परेशान करने के लिए इस तरह का काम करता है तो ये नहीं होना चाहिए. इसके लिए ये ज़रूरी है कि सब चीज़ों पर बात हो जाए.”
इसराइली स्पाइवेयर पेगासस के ज़रिए कथित तौर पर राजनेताओं व अन्य लोगों की जासूसी के मामले पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है.
मगर सरकार ने इस पूरी रिपोर्ट को मनगढ़ंत बताकर ऐसी किसी जाँच से सीधे इनकार कर दिया है.
लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह पेगासस मामले की जाँच के लिए एक आयोग गठित करने का एलान किया था.
दो सदस्यों वाले आयोग का नेतृत्व कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य कर रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एमबी लोकुर इसके दूसरे सदस्य हैं.
आयोग को छह महीने के भीतर इसराइली स्पाइवेयर पेगासस के ज़रिए कथित तौर पर राजनेताओं व अन्य लोगों की जासूसी की जाँच पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.